Dhanbad: झरिया के जामाडोबा स्थित झमाड़ा के फिल्टर प्लांट के जर्जर मकान में कर्मचारी रहने को मजबूर है. ये कोई आज की बात नहीं है, लंबे समय से फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों का परिवार इन जर्जर मकानों में रह रहा है. बारिश के मौसम में स्थिति और भयावह हो जाती है. क्वार्टर मरम्मत को लेकर कर्मियों ने कई बार इसकी लिखित शिकायत झमाड़ा के अधिकारियों से की, लेकिन आज तक क्वार्टर मरम्मत का काम नहीं हुआ. ऐसे में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
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‘अधिकारियों से मकान मरम्मत की उम्मीद नहीं’
वहीं जर्जर मकानों में रह रहे झमाड़ा कर्मी के परिजन की माने तो अधिकारी क्वार्टर मरम्मत के नाम पर हर साल कर्मियों के साथ फोटो खिंचाकर खानापूर्ति करते हैं. यही नहीं झमाड़ा के अधिकारी यह भी कहते हैं कि बारिश के सीजन में घर पर प्लास्टिक डाल कर रहें. जिसके कारण अब अधिकारियों से क्वार्टर मरम्मत की उम्मीद नहीं है. लिहाजा लोग इसी जर्जर मकान में जान जोखिम में डाल कर रहने को मजबूर हैं.
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कर्मचारी जर्जर मकान में रहने को मजबूर
वहीं एक झमाड़ा कर्मी ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण जर्जर क्वाटर की स्थिति और भयावह हो चुकी है. हर घण्टे रूम के अंदर से पानी निकालना पड़ रहा है. यही नहीं जर्जर बिजली के तार के कारण पूरे घर में करंट भी फैल जा रहा है. जिसके कारण बिजली काट कर रहना पड़ता है.
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