- लोन के लिए बैंक और अंचल कार्यालय दौड़कर थक चुके लाभुक सरेंडर करना चाहते हैं आवास
- 2015 के पहले से रांची में रहने वालों को आवंटित हुआ आवास
- लेकिन लोन के लिए चाहिए 30 साल पुराना प्रापर्टी पेपर या खतियान
- आय प्रमाण पत्र और इनकम टैक्स रिटर्न सर्टिफिकेट बनाने के लिए दौड़ रहे लाभुक
- गरीब लाभुक बिना बैंक लोन के कहां से दे पाएंगे 6.79 लाख रुपए
Satya Sharan Mishra
Ranchi : रांची के लाइट हाउस प्रोजेक्ट में मकान आवंटित होने के बाद भी कई लोगों को अपना आशियाना मिलने का सपना टूटता दिख रहा है. 19 जुलाई को धुर्वा में बन रहे लाइट हाउस के 1008 फ्लैट का आवंटन लॉटरी के जरिये हो गया था. लाभुकों ने 20 हजार रुपए की पहली किश्त भी जमा कर दी है, लेकिन अब बैंक से लोन मिलने में दिक्कत होने से लाभुक परेशान हैं. 2015 से पहले से रांची में रहने वाले निम्न आय वर्ग के लोगों को लाइट हाउस में मकान अलॉट हुआ है, लेकिन बैंक लोन के लिए उन्हें कम से कम 30 साल पहले का प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट चाहिए. लाभुक लोन के लिए बैंक और ब्लॉक का चक्कर लगा रहे हैं. लोन के लिए भाग-भागकर परेशान हो चुके कई लाभुक अपना आवास सरेंडर करना चाह रहे हैं.
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पत्नी का आय प्रमाण पत्र और इनकम टैक्स रिटर्न सर्टिफिकेट मांगा गया
एक लाभुक ने बताया कि लाइट हाउस के आवंटन में हुई लॉटरी में सीनियर सिटीजन को वरीयता दी गई. उन्हें आवास आवंटित भी हो गया, लेकिन अब लोन लेने के लिए परेशान हैं. लोन के लिए केनरा बैंक में अप्लाई किया तो वहां पत्नी का आय प्रमाण पत्र और इनकम टैक्स रिटर्न सर्टिफिकेट मांगा गया. पत्नी हाउसवाइफ हैं तो ये सब सर्टिफिकेट कहां से लाएं. वहीं आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए जब अंचल कार्यालय गये तो वहां खतियान, मैट्रिक का सर्टिफिकेट और 30 साल पुराना प्रापर्टी का पेपर मांगा गया. कई बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी आय प्रमाण पत्र नहीं बना. इतना ही नहीं लोन अप्लाई के लिए आवंटी को अपने संस्थान का आईकार्ड, वर्तमान आवास का प्रमाण पत्र, ईपीएफ डिटेल, जिस संगठन में काम किया है वहां के कर्मचारियों की संख्या जैसे कई अनावश्यक बिंदुओं की जानकारी मांगी गई है, जिसे भर पाना एक रिटायर्ड आदमी के लिए काफी मुश्किल है. जब एक पढ़े-लिखे और प्राइवेट संस्थान से रिटायर्ड आदमी को लोन के लिए इतना परेशान होना पड़ रहा है तो सोचिए वहां अधिकांश गरीब और कम पढ़े लिखे जिन लोगों को आवास आवंटित हुआ है वे आवास के लिए पैसे कहां से लाएंगे. इसलिए वे अपना आवास ही सरेंडर करना चाह रहे हैं.
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पांच एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे लाइट हाउस में 1008 फ्लैट
साढ़े पांच एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे लाइट हाउस में 1008 फ्लैट हैं. एक फ्लैट की लागत 13 लाख 29 हजार रुपए है. लाभुक को एक फ्लैट के लिए 6.79 लाख रुपये ही देने होंगे. बाकी बचे 6.50 लाख रुपये सरकार सब्सिडी के रूप में देगी. 6 किश्तों में लाभुकों को यह राशि जमा करनी है, लेकिन 20 हजार की पहली किस्त जमा करने के बाद ही लोन नहीं मिलने से कई लाभुक आवास सरेंडर करने की सोच रहे हैं.
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