Dumaria (Sanat Kumar Pani) : झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा – 2024 में भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग को लेकर पोटका के विधायक संजीव सरदार शुक्रवार को झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री बैद्यनाथ राम से मिले. इस दौरान विधायक संजीव सरदार ने मंत्री बैद्यनाथ राम को ज्ञापन सौंपकर शिक्षक पात्रता परीक्षा – 2024 में जनजातीय भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग की. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन लिया जा रहा है. इस विज्ञापन में उल्लेखित 15 भाषाओं मे से किसी एक भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य किया गया है, लेकिन उक्त भाषाओं की सूचि मे भूमिज भाषा को शामिल नहीं किया गया है. भूमिज भाषा झारखंड की जनजातीय भाषा है. झारखंड में चार प्रमुख जनजाति के पश्चात पांचवां स्थान भूमिज का आता है, जिनकी जनसंख्या लगभग तीन लाख के करीब है, जिनकी मातृभाषा भूमिज है.
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कार्रवाई के लिए विधि और कार्मिक विभाग को दिया निर्देश
भूमिज जनजाति के लोग झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी सिंहभूम आदि जिला मे प्रमुख रूप से निवास करते हैं. इसके पूर्व झारखंड सरकार, मानव संसाधन विकास विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय), झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा-2016 मे भूमिज भाषा को शामिल करते हुए कोड संख्या – 57 दिया गया था. इसके साथ ही झारखंड वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा-2014, झारखंड कक्षपाल प्रतियोगिता परीक्षा-2015 मे भी भूमिज को जनजातीय भाषा के रूप में शामिल किया गया था, जिस विषय में परीक्षा देकर अनेक युवा आज सरकारी नौकरी कर रहे हैं. वर्ष 2023 के बाद किसी भी परीक्षा मे भूमिज भाषा को शामिल नहीं किया जा रहा है. इसलिए शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 मे त्वरित कार्रवाई करते हुए भूमिज भाषा को शामिल किया जाये. इसपर मंत्री बैद्यनाथ राम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले को विधि और कार्मिक विभाग को भेजने का निर्देश दिया. इस दौरान भूमिज समाज के हिकीम सरदार, फूलचंद सरदार (लाल), ईश्वर लाल सरदार आदि मौजूद थे.
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