Dumaria (Sanat Kr Pani) : पुरानी कहावत है ”आग लगने पर कुआं खोदना”. इसी कहावत से मिलती-जुलती एक कहावत “प्यास लगने पर कुआं खोदना” पूर्वी सिंहभूम जिला के पिछड़े प्रखंड में शुमार डुमरिया प्रखंड अंतर्गत धोलाबेड़ा पंचायत के जानेगोड़ा गांव के टोला निमडुंगरी में चरितार्थ हो रही है. जनप्रतिनिधियों और जल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता से एकमात्र चापाकल महीनों से खराब है. पेयजल का दूसरा कोई साधन नहीं है. यहां के ग्रामीणों की विडंबना तो देखिए. गर्मी में पेयजल संकट गहराया तो इस टोला के ग्रामीण सूख चुके पहाड़ी नाला में श्रमदान से कुआं खोद रहे हैं. पहाड़ी के ऊपर बसे इस टोले में 20 परिवार भीषण जल संकट की त्रासदी झेल रहे हैं. नाला में खोदा गया कुआं इन परिवारों को जल त्रासदी से मुक्ति दिलाएगा.

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पहाड़ी के नीचे मौजूद पेंचा खाल पूरी तरह से सूख गया है. इसी नाला में ग्रामीण कुआं खोदकर पेयजल की व्यवस्था करने में जुटे हैं. टोला के पुरुष, महिलाएं और बच्चे कुआं खोदने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. सूख चुके नाला के अंदर 10 फीट से अधिक गहराई तक खोदने के बाद ग्रामीणों को थोड़ा सा पानी मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पूर्व स्थापित चापाकल महीनों से खराब है. इसकी मरम्मत की दिशा में पहल करने वाला कोई नहीं है. हम पेयजल के लिए तरस रहे हैं.
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उप प्रमुख से ग्रामीणों ने की पेयजल संकट समाधान करने की मांग
ग्रामीण विक्रम मार्डी, विशाल मार्डी , चरपे हेंब्रम, मती हेंब्रम सारो हेंब्रम, देवला मार्डी, काला मुर्मू, पोटरो मुर्मू आदि ने प्रखंड के उप प्रमुख चैतन मुर्मू से इस टोला में पेयजल संकट दूर कराने की मांग की है. ग्रामीणों ने उप प्रमुख से कहा कि आप ही पेयजल समस्या का समाधान कर सकते हैं. अन्यथा हम ऐसे ही जीने को मजबूर हैं. उप प्रमुख चैतन मुर्मू ने ग्रामीणों को पेयजल संकट समाधान करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आश्वासन दिया है.

