Rupam Kishore
Dumka : जिले में एक के बाद एक नाबालिग लड़कियों के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में आदिवासी संगठनों के 5 सितंबर को बुलाए गये बंद का व्यापक असर दिखा. सुबह 6 बजे से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतरकर सभी चौक चौराहों को बंद कर दिया. बाज़ार पूरी तरह बंद रहे. दुकानों पर ताले लटके रहे. बसों का परिचालन पूरी तरह बंद रहा और बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा.

एक करोड़ मुआवज़ा और नौकरी की मांग
सड़क पर प्रदर्शन कर रहे बंद समर्थकों ने मृतका के परिजन को एक करोड़ रूपये मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने आरोपी अरमान अंसारी को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की.

कोने-कोने में हुआ प्रदर्शन
दुमका बंद को लेकर बंद समर्थकों ने शहर के कोने-कोने पर प्रदर्शन किया. मुख्य सड़कों पर बैठ कर सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते रहे. कहीं-कहीं ढ़ोल और मांदर के साथ प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे रहे. शहर में बेटियों के ख़िलाफ़ लगातार बढ़ रहे अत्याचार की घटना से लोगों गुस्से में हैं. बंद को बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी हासिल था.
सरकार के ख़िलाफ़ गुस्सा
बाजार बंद और चक्का जाम करने निकले प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के रवैये से नाखुश दिखे. और हेमंत सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते दिखे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दुमका की बेटियों के साथ हैवानियत हो रही है और राज्य सरकार रांची से छत्तीसगढ़ का दौरा करने में लगी हुई है.

अरमान ने एक नहीं दो की जान ली है – सोनी हेम्ब्रम
सड़कों पर प्रदर्शन कर रही बंद समर्थक सोनी हेम्ब्रम ने कहा कि अरमान ने जघन्य अपराध किया है. उसने एक नहीं दो लोगों की जान ली है. क्योंकि वह लड़की गर्भवती थी .उसने उसके पेट मे पल रहे बच्चे की भी हत्या की.
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