Dumka : पूर्व सीएम सह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने दुमका में पत्रकारों से कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण विधेयक विधानसभा में ईडी के डर से पारित कराया. ईडी ने हेमंत सोरेन को समन भेजा था. इसके डर से आनन-फानन में विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र भेजा गया. हेमंत सोरेन ने इन दोनों विधेयकों को पारित कराकर झारखंड की जनता को गुमराह किया है. विधेयकों को पारित कराने के लिए किसी तरह की तैयारी नहीं की गई है. एक झटके में विधेयकों को पारित कर दिया गया.
रघुवर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष दलगत भावना से ऊपर उठकर काम नहीं कर रहे हैं. दोनों विधेयक विधानसभा में लाते वक्त विपक्षी विधायकों को बोलने का मौका नहीं दिया गया. हेमंत सोरेन का यह कदम सही नहीं है. यहां के आदिवासी मूलवासी उनके झांसे में नहीं आने वाले.
रघुवर ने हेमंत सोरेन के विधानसभा में दिए गए जेल के अंदर से भी बीजेपी का सुफड़ा साफ करने के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बौखलाहट में दिया गया बयान है. सीएम अच्छी तरह जान चुके हैं कि उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है. इसी तरह का उलजलूल बयान लालू यादव भी दिया करते थे. उनका क्या हश्र हुआ यह दुनिया जानती है?
उजाला दीदी संघ की बैठक में हुए शामिल
रघुवर दास 12 नवंबर को ही स्थानीय परिसदन में उजाला दीदी संघ की बैठक में शामिल हुए. संघ को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सरकार चंद दिनों का मेहमान है. बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि झारखंड का मौजूदा हालात देखकर दुख हो रहा है. जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए सिदो-कान्हो, चांद-भैरव व बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. हेमंत सरकार में राज्य की खनिज संपदा और बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है. जो काम उस समय अंग्रेजी हुकूमत की वही काम हेमंत सोरेन सरकार कर रही है. मीडियाकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है.
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