Rupam Kishore
Dumka : नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड एसीजेएम शंभू नाथ साह की कार से अरसे से शराब की तस्करी की जा रही थी. पुलिस ने इस मामले कार के ड्राइवर नितेश दास और उसके साथी संतोष दास को गिरफ़्तार किया है. दोनों शहर के शिवपहाड़ मोहल्ले के रहनेवाले हैं.
बिहार पुलिस की कार्रवाई से खुला भेद
दरअसल 11 सितंबर को बिहार के बांका ज़िले की बौंसी थाना पुलिस ने एक कार से शराब की तस्करी की गुप्त सूचना पर जांच शुरु की. सिविल जज, दुमका की नेम प्लेट लगी कार को रोका गया. तो ड्राइवर सहित दो लोग भाग निकले. तीसरा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. कार की जब तलाशी ली गई तो 15 पेटी विदेशी शराब बरामद हुआ. पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि वे लोग शराब तस्करी के लिए जज की गाड़ी का इस्तेमाल करते थे. उसने भागने वाले दोनों युवकों का नाम भी बताया.
रची गई चार चोरी की झूठी कहानी
बांका ज़िले की बौंसी थाना पुलिस ने जब शराब के साथ कार को पकड़ लिया. तो कार से भागे ड्राइवर नितेश दास और उसके साथी संतोष दास ने चालाकी दिखाते हुए कार चोरी की झूठी कहानी गढ़ी. खुद को पाक साफ साबित करने के लिए दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाने में कार लूट की झूठी शिकायत दर्ज़ कर दी. लेकिन दुमका पुलिस ने जैसे ही मामले की जांच शुरु की तो दोनो का कच्चा चिट्ठा खुल गया. और सारा सच सामने आ गया. दुमका पुलिस निरीक्षक संजय सुमन ने इसकी पुष्टि की.
जज साहब भी हैं जबरिया रिटायर
गिरफ़्तार नितेश और संतोष दास ने कहा है कि रिटायर्ड एसीजेएम शंभू नाथ साह को शराब तस्करी की भनक तक नहीं थी. वो दोनो सारा खेल उनसे छिपाकर खेल रहे थे. ड्राइवर भले ही जज शंभूनाथ साह को पाक साफ बता रहा है. लेकिन रिटायर्ड एसीजेएम शंभू नाथ साह का करियर भी दाग़दार रहा है. भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद बिहार में पदस्थापित एसीजेएम शंभूनाथ साह को जबरिया रिटायर किया गया था.
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