Anant Kumar
Bermo: बिहार और पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने वाली दामोदर घाटी निगम का बुधवार को 74वां स्थापना दिवस मनाया गया. बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल और विद्युत उत्पादन के लक्ष्य के साथ इसे स्थापित किया गया था. इतिहास में जाएं तो ड्राफ्टिंग कमिटि के चेयरमैन डॉ भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों से दामोदर वैली का बिल दिसंबर 1947 में संविधान सभा में लाया गया था और 1948 के फरवरी में पारित किया गया. डॉक्टर अंबेडकर के प्रयास से 4 वर्ष से कम समय में यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया. बाद में दामोदर नदी बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए वरदान साबित हुई. आज बिहार, बंगाल और झारखंड में डीवीसी के कई प्लांट हैं.
डीवीसी के प्लांट
Btps A: bokaro thermal A Plant
Btps B: Bokaro thermal B Plant
Ctps: Chandrapura
Dstps: Durgapur
Ktps: Koderma
Ktps : Mezia
Rtps: Raghunathpur
MHS: Maithan
Phs: Panchet
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बीटीपीएस ए प्लांट की स्थापना 1952 में हुई थी
बता दें कि DVC की बोकारो थर्मल ए पावर प्लांट की स्थापना 1952 में हुई थी. इसके उद्घाटन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पहुंचे थे. लेकिन मौजूदा पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए बोकारो थर्मल की ए प्लांट को 13 जुलाई 2000 को बंद कर दिया गया. हालांकि ए प्लांट के जीवनकाल में ही बोकारो थर्मल में 630 मेगावाट की दूसरी बी प्लांट की स्थापना कर दी गई. इसमें 210 मेगावाट की तीन यूनिट थी. समय के साथ बी प्लांट के एक और दो नंबर यूनिट को 2015 और तीन नंबर यूनिट को 1 अप्रैल 2021 से बंद कर दिया गया.
वैसे इसकी घोषणा जून में बोर्ड की बैठक के बाद ली गई. डीवीसी बोर्ड ने कहा कि मौजूदा पर्यावरण के मापदंडों को पूरा नहीं करने और परियोजना को जारी रखने में अत्यधिक खर्च होने के कारण बी प्लांट के तीसरा यूनिट को भी बंद कर दिया गया. डीवीसी के बोकारो थर्मल के ए और बी प्लांट के स्थान पर अत्याधुनिक उपकरण के साथ 500 मेगावाट के नए पावर प्लांट का निर्माण 2008 में ही कर दिया गया था. मौजूदा समय में यह प्लांट कम खपत कोयले के साथ 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रहा है.
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बीटीपीएस बी प्लांट बंद कर दिया गया
बता दें कि डीवीसी के बोकारो थर्मल बी प्लांट को पूर्ण रूप से बंद कर दिए जाने के बाद डीवीसी पर भेदभाव का आरोप लगाया जा रहा है. दरअसल डीवीसी के पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में पावर प्लांट स्थापित हैं. लेकिन डीवीसी का मुख्यालय कोलकाता होने के कारण पहले बिहार बंगाल अब बंगाल झारखंड के बीच दोहरा मापदंड अपनाए जाने का आरोप है. डीवीसी द्वारा बहाली के अलावा मजदूरों की सुख सुविधा को लेकर पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों के लिए अलग-अलग व्यवहार किया जाता रहा है. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में इससे पुराना पावर प्लांट है. जबकि बोकारो थर्मल का बी प्लांट, दुर्गापुर से कई गुणा अच्छा और लाभदायक है. इसके बावजूद भी दुर्गापुर प्लांट को बंद न कर बोकारो थर्मल के बी प्लांट को बंद कर दिया गया.
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