LagatarDesk : एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की लोकप्रियता बढ़ रही है. दूसरी तरफ क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली जारी है. क्रिप्टो निवेशकों (Investors) के लिए साल 2022 कुछ खास नहीं है. डेटा साइट CoinMarketCap के अनुसार, बीते 6 हफ्तों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट (Global Crypto Market) को 830 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है. मंगलवार को यह 1.4 ट्रिलियन डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया. (झारखंड की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
6 हफ्तों में निवेशकों को 40 फीसदी की चपत
रिपोर्ट्स की मानें तो क्रिप्टो निवेशकों को 6 हफ्तों यानी करीब डेढ़ महीने में 40 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहीं बीते 6 महीनों में 50 फीसदी से ज्यादा की चपत लगी है. बिटकॉइन, इथेरियम समेत सभी करेंसी अपने ऑलटाइम हाई से 50 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गये है. खास बात तो ये है कि बीते 4 ट्रेडिंग सेंशन में क्रिप्टो मार्केट में 25 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जानकारों की मानें तो बीते एक दशक में क्रिप्टो फाइनेंशियल मार्केट में सबसे ज्यादा अस्थिर यानी वोलेटाइल असेट रहा है.
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बिटकॉइन और इथेरियम में भारी गिरावट
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी वजह से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 30,000 डॉलर के लेवल पर आ गयी है. फिलहाल बिटकॉइन की कीमत 31,540 डॉलर है. बिटकॉइन ने जुलाई 2021 के बाद से इस निचले स्तर पर ट्रेडिंग नहीं की है. दूसरी ओर, इथेरियम में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यह अपने ऑलटाइम हाई से 50 फीसदी से ज्यादा नीचे चली गयी है. इथेरियम की कीमत 2,379 डॉलर पर आ गयी है.
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बिटकॉइन उच्चतम स्तर से 54 फीसदी नीचे फिसला
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. यह मंगलवार को 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. बिटकॉइन की कीमत नवंबर, 2021 में 67,566 डॉलर के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गयी थी. Coinmarketcap के अनुसार, इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 31,000 डॉलर के लेवल पर आ गयी. इस तरह नवबंर से अब तक इसमें 51.24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. इसका मतलब है कि करीब छह महीने पहले की गयी निवेश की रकम अब आधी रह गयी है. इस क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप भी 627.02 अरब डॉलर पर आ गया.
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इस वजह से आयी क्रिप्टो मार्केट में गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती, बढ़ते ब्याज दर, महंगाई से जुड़ी चिताओं, अर्थव्यवस्था से जुड़े वैश्विक संकट की वजहों से बिटकॉइन समेत अन्य करेंसी में इतनी अधिक गिरावट आयी है. Giottus Crypto Exchange के सीईओ विक्रम सुब्बुराज ने कहा कि ब्याज दरों में इजाफा और दुनियाभर में महंगाई से जुड़ी चिंताओं की वजह से सभी तरह के इंवेस्टर्स में सेंटिमेंट निगेटिव है. इस वजह से बिटकॉइन और व्यापक तौर पर क्रिप्टो मार्केट में निगेटिव सेंटिमेंट देखने को मिल रहा है.
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इन देशों की जीडीपी से ज्यादा डूबा क्रिप्टो मार्केट
बीते 6 हफ्तों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में 830 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. अगर स्विट्जरलैंड, तुर्की, पोलैंड जैसे देशों की जीडीपी से तुलना करें तो क्रिप्टो मार्केट को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2021 में स्विट्जरलैंड की जीडीपी 810.83 अरब डॉलर थी. जबकि तुर्की की 795.95 अरब डॉलर और पोलैंड की जीडीपी 655.33 अरब डॉलर थी. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में क्रिप्टो मार्केट को और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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