LagatarDesk : केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी का आंकड़ा पेश किया है. इस वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ माइनस 7.3 फीसदी रही. वहीं चौथी तिमाही में देश की इकोनॉमी में 1.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है. जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी की बढ़त देखी गयी थी. वहीं मार्च 2020 की तिमाही में ग्रोथ रेट 3 फीसदी था.
पिछले 4 दशक में सबसे खराब प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी 38.96 लाख करोड़ रुपये की रही. वहीं यह वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 38.33 करोड़ थी. यह पिछले 4 दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है.
वित्त वर्ष 2021 में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड ग्रोथ 6.2फीसदी घटी
20- 2021 में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड ग्रोथ 6.2 फीसदी घटी है. वहीं मार्च तिमाही में ग्रॉस वैल्यू ग्रोथ 3.7 फीसदी रही. जीवीए से किसी देश की अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम को दर्शाता है. इससे पता चलता है कि किस क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है. जीडीपी में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा आता है, उसे जीवीए होता है.
पहली तिमाही में इकोनॉमी ग्रोथ रही थी नेगेटिव
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश मंदी के दौर में चला गया था. भारत की अर्थव्यवस्था माइनस 23.90 फीसदी पर पहुंच गयी थी. जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ माइनस 7.5 फीसदी थी. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इकोनॉमी में थोड़ा सुधार देखने को मिला था. इस समय देश की अर्थव्यवस्था में 0.40 फीसदी की तेजी देखी गयी थी.
केंद्र सरकार ने 8 फीसदी गिरावट का लगाया था अनुमान
कई एजेंसियां ने पहले ही अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी में भारी गिरावट आयेगी. पिछले दो तिमाही के नेगेटिव ग्रोथ को देखकर एजेंसियों ने यह अनुमान लगाया था. केंद्र सरकार ने भी वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान लगाया था. सरकार ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट आ सकती है. इसके अलाव रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाता था.
वित्त वर्ष 20-21 में राजकोषीय घाटा 18.21 लाख करोड़ रही
सोमवार को सरकार की वित्तीय सेहत को लेकर भी रिपोर्ट जारी की गयी. वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा 18.21 लाख करोड़ रुपये यानी 251 बिलियन डॉलर रहा. यह देश की जीडीपी का 9.3 फीसदी है. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में रेवेन्यू डिफिसिट भी 7.42 फीसदी रही.