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ED ने शुरू की शाह ब्रदर्स मामले की पड़ताल, जावड़ेकर को लिखे सरयू राय के पत्र पर कार्रवाई

Anand Kumar

प्रवर्तन निदेशालय (इडी)  ने लीज परिसमाप्त एवं पूर्व पट्टा धारकों को सारंडा वन क्षेत्र में पड़े लौह अयस्क भंडार के उठाव की अनुमति देने के मामले में पड़ताल शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार इडी ने झारखंड के वन एवं पर्यावरण सचिव तथा खान एवं भूतत्व सचिव से जानकारी मांगी है. यह पड़ताल पूर्व मंत्री सरयू राय द्वारा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र के बाद शुरू की गयी है.

राय ने पर्यावरण और पारिस्थितिकी के नुकसान का मुद्दा उठाया था

जानकारी के अनुसार सरयू राय ने 22 दिसंबर 2020 को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिर्वतन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा था. पत्र में राज्य सरकार के खान विभाग सारंडा वन क्षेत्र में बिना पर्यावरण स्वीकृति लिए प्रवर्तन निदेशालय (इडी) लीज परिसमाप्त एवं पूर्व पट्टा धारकों को सारंडा वन क्षेत्र में पड़े लौह अयस्क भंडार का उठाव करने की अनुमति दिये जाने का उल्लेख था. श्री राय ने कहा था कि लौह अयस्क भंडार के उठाव की अनुमति देने से सरकार को राजस्व की भारी क्षति उठानी पड़ी है. साथ ही इससे प्राचीन सारंडा जंगल के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बिना पर्यावरण स्वीकृति के दी गयी अनुमति की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग की थी. यह भी पढ़ें- शाह">https://lagatar.in/mining-and-sale-order-in-shah-karampada-mines-to-shah-brothers-wrong-saryu-rai/5271/">शाह

ब्रदर्स को करमपदा माइंस में खनन और बिक्री का आदेश गलत- सरयू राय

टास्क फोर्स भेजने और केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग

खान सचिव की अनुमति को अवैध तथा वन संरक्षण अधिनियमन के विरुद्ध बताते हुए राय ने पर्यावरण को हुई क्षति के आकलन के लिए एक केंद्रीय टीम अथवा स्पेशल टास्क फोर्स भेजने का आग्रह किया था. इसके अलावा इसके पीछे साजिश पक्ष और वित्तीय लेनदेन की आशंका जताई थी. उन्होंने इसकी जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय जांच ब्यूरो अथवा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कराने की मांग की थी. यह भी देखें - 

सीएम हेमंत सोरेन को भी पत्र लिख चुके हैं सरयू राय

श्री राय ने बताया कि संभवतः केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने उनके पत्र को इडी को भेज दिया है. इसके आधार पर ही इडी द्वारा झारखंड के वन-पर्यावरण सचिव तथा खान सचिव से जानकारी मांगी गयी है. खान सचिव द्वारा लीज खो चुकी और लीज समाप्त कंपनियों को 19 दिसंबर 2020 को लौह अयस्क उठाव की अनुमति देने के बाद से ही सरयू राय मुखर हैं. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर 2020 को 15 पेज का पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने बरती गयी अनिमिततताओं का बिंदुवार उल्लेख किया था. राय ने इसे लेकर कई ट्वीट भी किये थे. यह भी पढ़ें-सरयू">https://lagatar.in/saryus-letter-to-hemant-mines-secretary-wrongly-benefited-shah-brothers-check/7251/">सरयू

का हेमंत को पत्र- खान सचिव ने गलत तरीके से शाह ब्रदर्स को फायदा पहुंचाया, जांच हो

खान विभाग और पूर्व महाधिवक्ता भी निशाने पर

राय ने सीएम से खान सचिव के आदेश को भ्रष्टाचार व नियम के खिलाफ बताते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही 31 मार्च 2020 को सभी लौह अयस्क खनन पट्टा की लीज खत्म होने पर स्टॉक की बिक्री को गैरकानूनी करार देते हुए शाह ब्रदर्स को दी गयी अनुमति आदेश को रद्द करते हुए खान सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. राय ने पिछले जनवरी माह में दिये एक बयान में कहा था कि शाह ब्रदर्स और कई अन्य खनन पट्टे तो विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति के आदेश से 2016 में ही रद्द हो गये थे. इन्हें पुनर्जीवित करने में नियम के खिलाफ भूमिका निभाने वाले खान विभाग के तत्कालीन और वर्तमान अधिकारियों तथा महाधिवक्ता के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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