Ranchi: झामुमो ने देश के गृह मंत्री के झारखंड दौरे का स्वागत करते हुए बाबूलाल मरांडी और भाजपा पर तीखा प्रहार किया है. कहा कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई चिन्हित करके होती है. जो भाजपा के साथ हैं, भाजपा के हैं या भाजपा समर्थक हैं, उनके खिलाफ सबूत रहने के बावजूद कोई कारवाई होती नहीं है. जबकि भाजपा के खिलाफत करने वालों के खिलाफ ईडी चुन-चुन करके कार्रवाई करती है. लोकसभा चुनाव के पूर्व झारखंड और देश ने दो तरह की तस्वीर देखी. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, दिल्ली के सीएम समेत ऐसे कई भाजपा और मोदी जी के खिलाफत करने वालों को जेल में डाल दिया गया. ऐसा इसलिए है कि झारखंड में ईडी के सभी अफसरों के अतिरिक्त एक और ईडी के स्पेशल डायरेक्टर हैं, जिनका नाम है बीएल मरांडी (बाबूलाल मरांडी).
वे झारखंड में तय करते हैं कि किसके खिलाफ ईडी की कारवाई करनी है और किसके खिलाफ नहीं है. लोकसभा चुनाव के बीचो-बीच ये स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी जमीन घोटाले में आरोपी और बेल पर चल रहे विष्णु अग्रवाल को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलवाया. इतना ही नहीं अभी ईडी के नोटिस पर नोटिस होने के बाद भी उसके समक्ष उपस्थित होने नहीं होने वाले पूर्व पत्रकार और जमीन कारोबारी कमलेश को भी वित्त मंत्री से यह ईडी के स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी ने मिलवाया. यह सभी जानते हैं कि ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन आता है. इसलिए अब 22 जुलाई को देश के गृह मंत्री आ रहे हैं, जो पीएम के स्पेशल एफेयरर्स कैबिनेट के मेंबर भी हैं. यह स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी गृह मंत्री से किन-किन दागियों और आरोपियों से मिलवाएंगे. किन-किन घुसपैठियों से मिलवाएंगे, उसका नाम अगर आज ही सार्वजनिक हो जाता तो बेहतर रहता. क्योंकि खुद भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अपनी पार्टी में घुसपैठी हैं. यह बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने वित्त मंत्री के साथ दोनो आरोपियों का फोटो जारी करते हुए कही. इन दोनों फोटो में मरांडी भी मौजूद हैं.
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असम डीजीपी का पत्र सरकारी धन के दुरूपयोग का सबसे बड़ा दस्तावेज, गृह मंत्री को जवाब देना होगा
भट्टाचार्य ने कहा कि असम सरकार के पुलिस विभाग के डीजीपी द्वारा एक पत्र झारखंड सरकार को आया है. यह पत्र अब झामुमो के लिए एक दस्तावेज बन गया है. इस पत्र में कहा गया है कि असम के सीएम हिमंता विस्व सरमा असम के मुख्यमंत्री के साथ झारखंड में भाजपा के सह विधानसभा चुनाव प्रभारी हैं. जिसे जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान है. वे फिलहाल झारखंड आते-जाते रहेंगे.उन्हें गृह मंत्रालय के आदेश से यह सुरक्षा प्रदान की गयी है. इसलिए अगर झारखंड सरकार को दिक्कत है तो उनके आने-जाने और सुरक्षा पर किया जा रहा व्यय असम सरकार उठाने को तैयार है. यह पत्र अपने आप में कई प्रश्न को जन्म दे रहा है. क्या यह मान लिया जाए कि चुनावी बांड के बाद यह सरकारी धन के दुरूपयोग का बड़ा मामला बनेगा. क्या हिमंता विस्व सरमा जो एक मुख्यमंत्री रहते हुए झारखंड में भाजपा संगठन के लिए काम करेंगे और उसका खर्च असम के ट्रेजरी से भुगतान होगा. यह पत्र खुद अपने आप में स्वीकारोक्ति है कि कैसे सरकारी धन का इस्तेमाल पार्टी संगठन के लिए किया जाएगा. इसका जवाब भी गृह मंत्री को देना होगा. क्योंकि वह बीएसएफ और पुलिस के प्रधान भी हैं.
गृह मंत्री भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठ का टिप्स देंगे, क्योंकि इसमें वे माहिर हैं
भट्टाचार्य ने कहा कि गृह मंत्री 20 जुलाई को भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स नहीं, झूठ का टिप्स देंगे. क्योंकि वे झूठ बोलने और भ्रम फैलाने में माहिर हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि एक बार वे यह बातें यूपी में फैलाने को कहा था कि अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को थप्पड़ मारा था. यह झूठ इतनी तेजी से यूपी में फैलाया गया कि नेशनल न्यूज बन गया था. बाद में पूरा मामला ही झूठ निकला. इसी तरह से वे झारखंड में भी आकर झूठ और भ्रम बांटेंगे और अपने कार्यकर्ताओं से उसे पूरे राज्य में फैलाने को कहेंगे.
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