Ranchi : झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर से आज बुधवार से ईडी की पूछताछ शुरू हो गयी. सूत्रों के अनुसार उनसे ईडी बरामद हुए 35.23 करोड़ रूपये किसके हैं और कहां से मिले थे, इसके बारे में सवाल करेगी. संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर को सोमवार देर रात गिरफ्तार करने के बाद मंगलावर को कोर्ट में पेश किया. ईडी ने रांची पीएमएलए (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट से संजीव लाल और जहांगीर से पूछताछ करने के लिए दस दिनों की रिमांड मांगी थी. जिसके बाद कोर्ट ने सात दिनों की रिमांड की मंजूरी दी थी.
तीन माह में 35.23 करोड़ बतौर कमीशन जमा किये गये थे
ईडी की जांच में सामने आये तथ्यों के मुताबिक, जहांगीर के गाड़ीखाना स्थित फ्लैट से जो 31.20 करोड़ रुपये बरामद किये गये थे, वह महज तीन माह में जमा किये गये थे. फ्लैट भी कुछ माह पूर्व जहांगीर के नाम पर सिर्फ इसलिए खरीदा गया था, ताकि यहां पैसों को रखा जा सके. मुन्ना सिंह के यहां से बरामद 2.93 करोड़ रुपये भी यहीं शिफ्ट किये जाने थे, लेकिन इससे पहले ईडी की टीम ने छापेमारी कर इन पैसों को बरामद कर लिया.
दूसरे दिन इन पांच ठिकानों पर ईडी ने की छापेमारी
ईडी की टीम ने मंगलवार को राजीव कुमार सिंह के आवास के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर राजकुमार उरांव के आईटीआई बस स्टैंड के पास हेसल बगीचाटोली स्थित आवास, इंजीनियर अर्जुन मुंडा के कांके पतराटोली स्थित आवास समेत पांच ठिकानों पर छापेमारी की. टीम अर्जुन मुंडा के एक रिश्तेदार के बीआईटी मेसरा स्थित आवास पर भी गयी थी, लेकिन वहां से टीम बाद में निकल गई. ईडी ने मंगलवार को ही इंजीनियर कुलदीप मिंज व विकास कुमार के यहां छापेमारी की थी. ईडी ने जांच में खुलासा किया है कि पिछले एक महीने में ठेकेदारों से वसूली कर राजीव कुमार सिंह ने दस करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल को दिये थे.
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