Ranchi : दिल्ली में मुख्यमंत्री के आवास और झारखंड भवन में ईडी की दबिश पर झामुमो जमकर केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ बरसा. पार्टी केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज की कार्रवाई झामुमो को डराने के लिए की गयी है, जिससे हम डरने वाले नहीं हैं. भाजपा जो झामुमो से राजनीतिक मुकाबला नहीं कर सकती है, जनता के बीच नहीं जा सकती है तो एजेसियों का दुरूपयोग कर रही है. उक्त बातें उन्होंने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
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ईडी के आग्रह पर समय और स्थान बता दिया गया
उन्होंने कहा कि ईडी ने ही खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आगे के पुछताछ के लिए समय और तिथि तय करने को कहा था. ईडी ने 29 से 31 जनवरी तक का समय दिया था. तो फिर इस तरह की कार्रवाई और राज्य का राजनीतिक माहौल खराब करने की कार्रवाई के पीछे क्या वजह है. किसके इशारे पर दिल्ली में ईडी पहुंची.
पिछली पूछताछ में ईडी के हाथ रहे खाली
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 20 दिसंबर को ईडी के सहायक आयुक्त के नेतृत्व में 7 अफसरों की टीम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. करीब सात घंटे तक ईसीआईआर 20/22 का है, 17 से 18 सवाल किया. मगर पूछताछ के दौरान मामला शिड्यूल प्रोग्रेसिव क्राइम के दायर में नहीं पाया गया. जो मामले हैं, उसकी सारी जानकारी चुनाव आयोग को में दर्ज है. आयकर के पास सारी जानकारी है.
सोहराई भवन से सीएम का कोई लेना-देना नहीं
सुप्रियो ने कहा कि सोहराई भवन से मुख्यमंत्री का कोई लेना-देना नहीं है. उसका काम उनकी पत्नी देखती हैं. चुनाव आयोग को पहले ही सारी जानकारी है. जिस जमीन को ईडी अपनी कार्रवाई का आधार बना रही है, दरअसल वह भुईंहरी जमीन है और जिसकी खरीद-फरोख्त नहीं हो सकती.
बाबूलाल अपॉइंटमेंट लें, सीएम से मिलवा देंगे
सुप्रियो भट्टचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली अपने एक निजी काम से गए हैं. वह दिल्ली में ही हैं. ट्रेसलेस नहीं हैं. यदि बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलना है तो पहले अपॉइंटमेंट लेना होगा. आवेदन देना होगा. हम उनकी मुलाकात करवा देंगे.
मीडिया अपनी सही भूमिका निभाएं, प्रोपगेंडा से बचा जाए
सुप्रियो भट्टाचार्य ने सुबह से दिल्ली को लेकर चल रही खबरों पर आपत्ति प्रकट किया. उन्होंने कहा कि मीडिया और उसके प्रतिनिधि भी इस राज्य में निवास करते हैं. सूत्रों के द्वारा कोई भी खबर प्रचारित-प्रसारित नहीं करनी चाहिए. इससे राज्य का माहौल खराब होता है. खबरों को जांच-परख कर और पूरी जानकारी लेने के बाद ही प्रचारित-प्रसारित किया जाए. प्रोपगेंडा से बचा जाए.
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