LagatarDesk : अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अडानी ग्रुप पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. रिपोर्ट आने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज ने पहले अपना 20,000 करोड़ का एफपीओ वापस ले लिया. अब अडानी एंटरप्राइजेज ने 1000 करोड़ की बॉन्ड योजना को भी रद्द कर दिया है. कंपनी बॉन्ड्स को बेचकर 10 अरब रुपये यानी 122 मिलियन डॉलर जुटाने वाली थी. लेकिन शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद कंपनी ने अपने प्लान को कैंसिल कर दिया. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से इस बात का पता चला है. (पढ़ें, जेएन कॉलेज में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर लेक्चर)

Adani Enterprises shelves $122 million bond plan – Bloomberg News https://t.co/RkE19f23Bf pic.twitter.com/uetu325ulR
— Reuters (@Reuters) February 4, 2023
अडानी ग्रुप ने इन कंपनियों के साथ मिलकर पब्लिक नोट जारी करने की बनायी थी योजना
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी के कारोबार की फ्लैगशिप कंपनी ने जनवरी में पब्लिक नोट जारी करने की योजना बनायी थी. कंपनी ने एडलवाइज (Edelweiss) फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, एके कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल और ट्रस्ट कैपिटल के साथ काम शुरू किया था. लेकिन अब इस काम पर रोक लगा दी गयी है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, Edelweiss ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. जबकि अन्य तीन वित्तीय कंपनियों ने भी इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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कंपनी ने 2.5 बिलियन डॉलर की शेयर बिक्री को बंद किया
अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपनी 2.5 बिलियन डॉलर की शेयर बिक्री को भी बंद कर दिया. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आयी. इस गिरावट के कारण अडानी ग्रुप के अरबों रुपये डूब गये. भारतीय बाजार नियामक सेबी पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है. जिसमें कंपनी के शेयरों में गिरावट, स्थगित शेयर बिक्री में अनियमितता और किसी भी संभावित मूल्य में हेरफेर शामिल है.

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