Ranchi : राजधानी रांची इन दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में है. हर दिनों हजार की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. मर भी रहे हैं. इसका एक कारण चिकित्सा संसाधनों की कमी होना भी है. इस विपदा की घड़ी में रांची नगर निगम करोड़ों रुपये उस काम में फूंकने की तैयारी में है, जिसपर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) स्वंय लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा. हम बात कर रहे हैं रातू रोड़ में बनने वाले एलिवेटर और चौड़ीकरण की.
इस काम की तैयारी शुरू हो गयी है. बीते दिनों ही रांची सांसद संजय सेठ ने एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रमुख से मुलाकात के बाद इसकी जानकारी दी थी. लेकिन इस काम के पहले निगम करीब 4.35 करोड़ रुपये खर्च कर रातू रोड में पेवर्स ब्लॉक बिछाएगा. इसके लिए बकायदा 28 अप्रैल को टेंडर निकाला गया है. आगामी 12 मई को टेंडर खोलने की तिथि भी तय कर दी गयी. हालांकि निगम की इस पहल पर मेयर आशा लकड़ा ने भी आपत्ति जतायी है.
रातू रोड में सड़क के दोनों ओर पेवर्स ब्लॉक का काम हेहल पोस्ट ऑफिस से इटकी रोड में सिटी ट्रस्ट हॉस्पिटल होते हुए न्यू मार्केट चौक वाया पिस्कामोड़ और देवी मंडप रोड तक होगा. इस पर करीब 4.35 करोड़ रुपए खर्च होंगे. एक साल में यह काम पूरा किया जाना है. पेवर्स ब्लॉक लगाने के पीछे निगम का तर्क है कि पैदल चलने वालों को सहुलियत होगी.
एनएचएआई पहले ही रातू रोड में एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी कर रहा
बता दें कि रातू रोड एनएचएआई में आता है. एनएचएआई पहले ही रातू रोड में एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी कर रहा है. इसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गया है. इसी माह डीपीआर को भारत सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. एलिवेटेड रोड का काम शुरू करने से पहले एनएचएआई रातू रोड का चौड़ीकरण करेगा. ताकि एलिवेटेड रोड के पिलर का काम शुरू होने पर भी सर्विस रोड से आवागमन जारी रहे. विभाग की मानें, तो इसपर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके बावजूद निगम के अफसर रातू रोड में पेवर्स ब्लॉक लगाने पर करोड़ों रुपए फूंकने में लगे हैं.
निगम की इस पहल में आशा लकड़ा ने भी सवाल उठाया है.
उन्होंने नगर आयुक्त से पूछा है कि एनएचएआई से संबंधित सड़क व नाली निर्माण या पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य रांची नगर निगम के कार्य क्षेत्र में नहीं है. किसके आदेश से 28 अप्रैल को एनएच-27 व 23 पर सड़क के दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाने से संबंधित टेंडर निकाला गया. वहीं निगम क्षेत्र में किसी भी योजना को धरातल पर उतारने के लिए स्थाई समिति व निगम परिषद् से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है. इसके बाद ही टेंडर या आगे की कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन इसपर को तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गयी.