MumbaI : एल्गार परिषद केस मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी की मौत की जांच कराने की मांग को लेकर मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद एल्गार परिषद से जुड़े लोग बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे. उन्होंने नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) और तलोजा जेल के सुप्रिंटेंडेंट कौस्तुभ कुरलीकर को स्टेन स्वामी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. तलोजा जेल में बंद कैदियों का आरोप है कि NIA और कौस्तुभ कुरलीकर ने फादर स्टेन स्वामी को उत्पीड़ित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा.
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NIA अफसर और कौस्तुभ कुरलीकर के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की मां
चाहे वो जेल के अंदर मिलने वाला इलाज हो या फिर अस्पताल से जेल लाने की जल्दबाजी हो या फिर सिपर जैसी मामूली चीजों का विरोध करना हो. इन्हीं सब वजहों से फादर स्टेन स्वामी की मौत हो गयी. उन्होंने NIA के अफसरों और कौस्तुभ कुरलीकर के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने स्टेन स्वामी की हत्या को संस्थागत हत्या’ बताते हुए इसकी न्यायिक जांच की भी मांग की है. खबर है कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस संबंध में एक पत्र भेजने वाले हैं.
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कैदियों ने जेल सुप्रिंटेंडेंट पर कई गंभीर आरोप लगाये
जेल में बंद एल्गार कैदियों ने जेल सुप्रिंटेंडेंट पर और भी कई गंभीर आरोप लगाये हैं. एल्गार परिषद केस से जुड़े दो बंदियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि जेल सुप्रिंटेंडेंट उनके पर्सनल लेटर या वकीलों के लेटर समय पर नहीं दे रहे हैं या उन्हें रोक रहे हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले में जेल सुप्रिंटेंडेंट से जवाब दाखिल करने को कहा है.
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उन्हें मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था
मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद स्टेन स्वामी की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी. उन्होंने इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल सकी. हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. 4 जुलाई को उन्हें कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आया था, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन 5 जुलाई की दोपहर 1.30 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्हें पार्किंसन नाम की बीमारी भी थी.
फादर स्टेन स्वामी को NIA ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था. उन्हें भीमा कोरेगांव से जुड़े एल्गार परिषद केस के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन पर UAPA की कई धाराएं लगायी गयी थीं.