Oslo : टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि के समर्थन में अब पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग कूद आ गयी है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की मांग पर दिशा रवि को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
Freedom of speech and the right to peaceful protest and assembly are non-negotiable human rights. These must be a fundamental part of any democracy. #StandWithDishaRavi https://t.co/fhM4Cf1jf1
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 19, 2021
ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट कर भारत को मानवाधिकारों का पाठ पढ़ाने की कोशिश करते हुए Fridays For Future नाम के एक ट्विटर हैंडल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, अभिव्यक्ति की आजादी, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और जनसभा करना मानवाधिकार है. यह किसी भी लोकतंत्र का मूल हिस्सा होना चाहिए.
अपने ट्वीट में स्टैंड विथ दिशा रवि के हैशटैग का प्रयोग किया है. अमेरिका की क्लाइमेट जस्टिस एक्टिविस्ट अलेक्जेंड्रिया विलासेनोर ने भी आवाज उठाते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना मानवाधिकार है
जान लें कि फ्राइडे फॉर फ्यूचर की स्थापना ग्रेटा ने 2018 में की थी. इसी के ट्विटर हैंडल से दिशा रवि के समर्थन में कई ट्वीट किये गये थे, जिसके बाद ग्रेटा ने भी अपनी आवाज उठाई है.
एक्टिविस्ट अलेक्जेंड्रिया विलासेनोर ने भी आवाज उठायी
I know Disha Ravi and she is an amazing activist and awesome human! The right to peaceful protest is a human right and we will not be silenced.
Please join me in supporting Disha #StandWithDishaRavi— Alexandria Villaseñor (@AlexandriaV2005) February 19, 2021
ग्रेटा थनबर्ग के बाद अमेरिका की क्लाइमेट जस्टिस एक्टिविस्ट अलेक्जेंड्रिया विलासेनोर ने भी आवाज उठाई है. अलेक्जेंड्रियाने कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना मानवाधिकार है और इस तरह गिरफ्तार कर किसी को खामोश नहीं कराया जा सकता है.अलेक्जेंड्रिया विलासेनोर ने ट्वीट किया, मैं दिशा रवि को जानती हूं. वह एक अद्भुत एक्टिविस्ट हैं और कमाल की इंसान हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सबका अधिकार है और किसी को इस तरह चुप नहीं कराया जा सकता है. प्लीज दिशा रवि के समर्थन में खड़े हों.
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टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी
किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर ‘टूलकिट’ साझा करने और एडिट करने के आरोप में दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. फिर उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. दिल्ली पुलिस ने प्रो-खालिस्तानी ग्रुप (पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन) और उसके सक्रिय सदस्यों की पहचान करने और हटाए गए व्हाट्सएप ग्रुप को फिर से प्राप्त करने के लिए हिरासत की मांग की थी.
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ग्रेटा ने ट्वीट किया था विवादित टूलकिट को ट्वीट
ग्रेटा थनबर्ग ने जो विवादित टूलकिट को ट्वीट किया था उसमें किसान आंदोलन को लेकर भारत को बदनाम करने की प्लानिंग की गयी थी. इसे समय-समय पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले कई लोग एडिट भी करते थे. बता दें कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो भारत के अंदरूनी मामले का अंतराष्ट्रीयकरण कर बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. शाहीन बाग वाले मामने और सीएए-एनआरसी को लेकर भी ऐसा ही प्रयास किया गया था.