Ranchi : NRHM के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहे करीब आठ हजार अनुबंध कर्मचारी सरकार के उदासीन रवैये से क्षुब्ध है. स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहे जाने वाले एएनएम/जीएनएम,एक्स-रे टेक्नीशियन,लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट को सरकार,विभागीय मंत्री और विभागीय सचिव से सिर्फ आश्वासन ही मिला है. हेमंत सोरेन सरकार के कार्यालय को दो साल पूरा होने में महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं. लेकिन सरकार ने अब तक राज्य के NRHM कर्मियों को ना तो समान काम के बदले समान वेतन और ना ही स्थायीकरण पर विचार किया है. ऐसे में NRHM कर्मचारी आक्रोशित है.
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15 साल से 15 हजार वेतन पर काम करने को मजबूर हैं अनुबंध कर्मी
झारखंड राज्य NRHM एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि 23 नवंबर को सदर अस्पताल में एक कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस दिन संघ के सदस्यों ने अपनी बातों को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखा. लेकिन एक बार फिर हमें 6 महीना इंतजार करने के लिए कहा गया. मीरा ने कहा कि पिछले 15 साल से अल्प मानदेय में काम कर रहे हैं. महंगाई आसमान छू रही है, लेकिन हमें अभी भी 15665 रुपए में गुजरा करना पड़ रहा है.
खुद को स्वास्थ्य विभाग का सहकर्मी कहने वाले मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सिर्फ आश्वासन ही दिया
अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अपने आप को विभाग का सहकर्मी कहने से नहीं चूकते हैं. मंत्री अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा होने का दंभ भरते हैं. लेकिन NRHM कर्मियों की दयनीय स्थिति पर उन्होंने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. अनुबंध कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दो दर्जन से भी अधिक बार सीएम, स्वास्थ्य मंत्री, पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर, विभागीय सचिव और यहां तक कि नेपाल हाउस का भी घेराव कर थक चुके हैं. लेकिन किसी ने हमलोगों की समस्या पर ठोस निर्णय लिया.
अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रमुख मांग
– अनुबंध पर काम कर रहे एएनएम/जीएनएम, फार्मासिस्ट एक्स-रे टेक्नीशियन और लैब टेक्नीशियन को अविलंब स्थायी किया जाए.
– समान काम का समान वेतन दिया जाये.
– वेतन विसंगतियों को दूर किया जाये.
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