Muzaffarpur : बिहार के मुजफ्फरपुर में लापरवाही के चलते 26 से ज्यादा लोगों के आंख की रोशनी चली गई. यही नहीं कई मरीजों को आंख भी निकलवानी पड़ी है. इस चौंकाने वाली घटना के बाद हड़कंप मच गया है. इसको लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह मामला गंभीर है. उन्होंने कहा कि एक निजी अस्पताल में इस तरह की घटना सामने आई है. जो भी इसमें दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- किसी को नहीं बख्शेंगे
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुजफ्फरपुर में हुई घटना की जानकारी होते ही उन्होंने सिविल सर्जन के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी है. साथ ही पूरे मामले की जांच करने का आदेश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी शख्स इस मामले में दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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लापरवाही के चलते निकलवानी पड़ी आंख
मामला मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल से जुड़ा है, जहां फ्री मोतियाबिंद ऑपरेशन कैंप रखा गया था. जिसमें 300 से अधिक मरीजों की आंखों का इलाज हुआ. बताया जा रहा कि इनमें 26 से अधिक मरीजों की एक आंख की रोशनी चली गई है. यही नहीं ऑपरेशन कराने वाले कई मरीजों ने कहा कि डॉक्टरों ने उनकी आंख निकालने के लिए कहा है, नहीं तो दूसरी आंख में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
पीड़ितों ने बयां किया दर्द
बताया जा रहा कि 26 में से 4 मरीजों की एक आंख निकाली भी जा चुकी है. वहीं मुजफ्फरपुर आई अस्पताल में ऑपरेशन कराने वाले कुछ मरीजों ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि, 22 तारीख को हमने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. ऑपरेशन के 4 घंटे बाद दर्द शुरू हुआ तो दवा लिये, लेकिन आराम नहीं मिला. फिर इंजेक्शन लगवाये तो थोड़ा राहत हुआ. हालांकि, दर्द खत्म नहीं हुआ. फिर चश्मा और दवा दी गयी, लेकिन आराम नहीं मिला तो हमें पटना भेजा गया. अब अस्पताल प्रशासन कह रहा कि आंख निकलवा दीजिए क्योंकि इन्फेक्शन ज्यादा फैल गया है.
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