New Delhi : संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया. जिसे किसानों के हक का फैसला बताया गया. इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. साथ ही किसान आंदोलन की एकता को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. अब इसी चर्चा को किसान नेता दर्शन पाल ने अपना बयान जारी करके एक अलग ही माहौल बना दिया है.
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किसान आंदोलन में एकता बनी रहे
किसान नेता दर्शन पाल ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें जिम्मेदारी के साथ कोई भी बयान देना चाहिए. साथ ही दर्शन पाल सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत जिम्मेदारी ऐसे बयान दें ताकि किसान आंदोलन में एकता बनी रहे. इससे आगे उन्होंने कहा संयुक्त किसान मोर्चा के लिए सबसे जरूरी ये है कि इस आंदोलन के खत्म होने से पहले किसानों पर दर्ज किए गए सभी केस को वापस लिया जाए. बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही किसानों की बैठक होनी है.
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सरकार को भी कमेटी गठन में पारदर्शिता रखना होगा
किसान नेता दर्शन पाल ने अपने बयान में कहा कि सरकार को भी कमेटी गठन में पारदर्शिता रखना होगा. बताया कि केंद्र को भेजे जाने वाले 5 नामों पर फिलहाल हम सहमति बना रहे हैं और 4 दिसंबर तक सभी नाम तय कर लिए जाएंगे. इससे आगे किसान नेता पाल ने कहा कि संयुक्त मोर्चा में मतभेद की भी बातें सुनने में आ रही हैं.लेकिन किसान नेताओं के इस समय अपने मतभेद को खत्म करने की जरूरत है. सभी किसान नेताओं को एक तरफा बयान ना देकर एक ही तरह के बयान देने की जरूरत है. दर्शन पाल ने कहा कि बीते कुछ दिनों से संयुक्त मोर्चा में मतभेद की खबरें भी सामने आ रही हैं. इसके बारे में कहा जा रहा है कि कुछ नेता सरकार से बैक डोर से बातचीत करने में लगे हैं.
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