Media पर वायरल हो रही है kangna की मां की फोटो दरअसल शुक्रवार को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चतरोचटी पंचायत के तिसकोपी गांव में सुबह पेड़ से एक कौआ गिरा. वहीं पर उसकी मौत हो गई. ग्रामीण कौवे को फड़फड़ाते देख सामने आये तो उन्होंने देखा कि पक्षी के शरीर में कोई भी चोट का निशान नहीं थे. कुछ दिन पहले भी तिसकोपी ग्राम में और भी कई पक्षियों की मौत हो चुकी है. यह दूसरी घटना है.
पक्षियों के ऐसे मरने के पीछे हो सकता है बर्ड फ्लू का असर
प्रखंड के पशुपालन विभाग के चिकित्सक सुरेश प्रसाद ने मृत कौवे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. लोगों को लग रहा है, शायद यह बर्ड फ्लू का असर है. इसी महीने की 14 तारीख को बड़की चिदरी पंचायत के चिलगो गांव में कुछ लोगों की मुर्गियां अचानक मर गयी थी. वहीं गोमिया के होसिर के एक होटल के निकट एक कबुतर मृत पाया गया. आस-पास के लोगों ने उसे प्लास्टिक में कवर कर दफन कर दिया. 13 जनवरी को भी प्रखंड के हजारी बैद्य टोला में चार पक्षियों की मौत हुई थी. ये पक्षी कुछ नये अलग के थे. किसी ने इन पक्षियों को प्रवासी कहा तो किसी ने दूसरे राज्य का होने की बात कही. हरी प्रजापति नाम के एक व्यक्ति ने उनको मिट्टी में दफन कर दिया. इसे भी पढ़ें: अदालतों">https://lagatar.in/security-of-courts-will-not-be-tolerated-on-the-next-hearing-cs-home-secretary-and-other-officers-join-vc-and-tell-the-court-the-plan-high-court/19937/">अदालतोंकी सुरक्षा पर कोताही बर्दाश्त नहीं होगी, अगली सुनवाई के दिन सीएस, गृह सचिव समेत अन्य अधिकारी वीसी से जुड़कर अदालत को योजना बताएं- हाईकोर्ट
ग्रामीणों में बर्ड फ्लू का डर
इसकी सूचना कुछ दिन बाद पशुपालन विभाग के चिकित्सक को दी गयी. जब उन्होंने मृत पक्षियों को मिट्टी खोदकर बाहर निकाला तो वहां सिर्फ हड्डियां ही मिली. लगातार पक्षियों की मौत होने से सभी ग्रामीण डरे हुए हैं. खासकर किसानों को इसकी चिंता खाए जा रही है. चूंकि वे खेतिहर किसान हैं तो उनके पास गाय, बैल, बकरी और मुर्गी सभी हैं. वे डर रहें हैं कि कहीं उनके घर तक यह बिमारी न पहुंच जाए. इसे भी पढ़ें: अगर">https://lagatar.in/if-the-courts-give-such-orders-then-where-will-politicians-and-citizens-suffering-from-politics-plead/19930/">अगरअदालतें ही ऐसे आदेश देंगी तो नेताओं व राजनीति से पीड़ित नागरिक कहां गुहार लगाएंगे

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