Medininagar (Palamu): कृषि विज्ञान केंद्र चियांकी के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान राजीव कुमार ने किसानों को मौसम को लेकर सतर्क किया. उन्होंने बताया कि अगले पांच दिनों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की कमी होगी. बताया कि पलामू में सर्द हवाएं तेज होने लगी हैं. इस कारण ठंड में बढ़ोतरी होने लगी है. जो ठंड दिसंबर में पड़ती थी, इस बार नवंबर में ही असर छोड़ रही है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि किसान फसल वाले खेतों में समुचित नमी बनाए रखें. जिस खेत में अभी भी पानी लगा हुआ है, वहां धान की फसल काटने के बाद नाली बनाकर पानी को पूर्ण रूप से निकाल दें और उन खेतों में गेहूं की सतही विधि द्वारा खेती करें. पहले से बोयी गयी विभिन्न फसलों में निकाई-गुड़ाई कर आवश्यकतानुसार सिंचाई कर भुरकाव करें. कहा कि तापमान में कमी होने से विभिन्न सब्जियों एवं फसलों में लाही कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है. प्रारंभिक अवस्था में इन कीटों का नियंत्रण नीम से बने कीटनाशी दवा का छिड़काव कर किया जा सकता है. लेकन कीटों की संख्या अधिक हो जाने पर कीटनाशी दवा प्रोफेनोफोस का छिड़काव (1 मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी की दर से) करें.
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प्याज की खेती करें
कहा कि अगात आलू की खोदाई के बाद खाली हुए खेतों में सिंचाई की सुविधा रहने पर प्याज या गेहूं की खेती करें. जिस किसान के पास प्याज का बिचड़ा तैयार हो, वे रोपा का कार्य शुरू करें. बिचड़े को 15 सेंटीमीटर (कतार से कतार) और 10 सेंटीमीटर (पौधा से पौधा) की दूरी पर रोपें. जो किसान अभी तक बिचड़ा तैयार नहीं कर पाए हैं, वे जल्द से जल्द इसकी अनुशंसित किस्म (पूसा रेड, पूसा रतनार, एन-53, अरका निकेतन, अरका कल्याण, एग्रीफाउंड डार्क रेड) किस्म की बोआई बीजस्थली में करें. बीजस्थली के मिट्टी में भरपूर गोबर का खाद अवश्य मिलाएं.
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