MP: मध्यप्रदेश के विविशा से एक तस्वीर सामने आयी है. जिसमें किसान देर रात से ही बैंक के बाहर खड़े दिख रहे है. किसान अपनी जगह अपनी पासबुक की लाइन बैंक के बाहर लगा रखे है. जिसे बैंक खुलते ही उनका नंबर आ सके.
आधी रात से ही किसानों ने लगायी लाइन
यहां किसान अपनी ही बिकी हुई फसल के पैसे निकालने के लिए रात में जागने को मजबूर हैं. यह मामला विदिशा के शमशाबाद इलाके का है.बताया जा रहा है कि यहां जिला सहकारी बैंक कई दिनों से बंद पड़ा हुआ था. कारण पूछने पर बताया गया कि बैंक के कई कर्मी कोरोना संक्रमित हो गये थे. जब 14 दिन बाद कर्मी ठीक होकर वापस काम में लौंटे तो बैंक को खोला गया. 14 दिन बाद बैंक खुलते ही पैसा निकालने वाले किसानों की भीड़ बढ़ गयी. भीड़ इतनी ज्यादा थी की किसानों ने देर रात से ही बैंक के बाहर लाइन लगाना शुरू कर दिया. किसानों ने लाइन में अपने पासबुक को रख दिया.
एक दिन में 150 लोगों को ही दिया जाता है पैसा
मिली जानकारी के अनुसार सहकारी बैंक में एक दिन में मात्र 150 लोगों को ही पैसे दिया जा रहा है. बाकी को वापस लौटा दिया जा रहा है. इसलिए किसान देर रात से ही बैंक के बाहर लाइन लगा रहे है. किसान रात में बैंक के बाहर खुले आसमान के नीचे बैठ कर सोने को मजबूर दिखे.
कई किसानों को दिया गया टोकन
जब किसानों से बात की गई तो उन्होने बताया कि किसी के यहां शादी है, तो किसी को खेती-बाड़ी का काम है, किसी को साहूकार की उधारी चुकानी है, तो किसी को सामान खरीदना है, जिसे मजबूर होकर वो आधी रात में ही बैंक पहुंच रहे है. जब इस मामले की खबर सुबह पुलिस को मिली तो पुलिस अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और बैंक का मोर्चा संभाला. पुलिस ने 150 किसानों को पैसे दिलवाये और बाकी लाइन में खड़े किसानों को टोकन दिला दिया. जिसे किसानों को रात में लाइन नहीं लगानी होगी.