FIFA World Cup 2022 : फीफा वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में मजबूत यूरोपियन टीम डेनमार्क को ट्यूनीशिया के रूप में एक कमजोर टीम का सामना करना था. यानी कतर में अभियान का आगाज कर रहे डेनमार्क की जीत की उम्मीदें लाजिमी थी लेकिन जो मिला वह दिल तोड़ने वाला था. हालांकि हाल लियोनेल मेसी की टीम अर्जेंटीना जितना बुरा नहीं हुआ, लेकिन डेनमार्क ने इस नतीजे की उम्मीद तो हरगिज नहीं की होगी. ट्यूनीशिया ने डेनमार्क को गोल रहित बराबरी पर मैच ड्रा कराने के लिए मजबूर कर दिया.
इसे भी पढ़ें–मोदी ने गुजरात के मेहसाणा की जनसभा में कहा, कांग्रेस मॉडल का मतलब है जातिवाद, वोटबैंक की राजनीति
डेनमार्क फीका, ट्यूनीशिया ने दिखाया दमखम
ट्यूनीशिया ने विश्व कप में अपने सफर की शुरुआत डेनमार्क को चौंकाने के इरादे से ही की थी जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहा. हालांकि ट्यूनीशिया का फीफा वर्ल्ड कप में अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है, उसने अब तक खेले गए 15 मैचों में से सिर्फ दो मैच ही जीते हैं. यह टीम ग्रुप स्टेज से आगे कभी नहीं बढ़ी है, लेकिन वे डेनमार्क के खिलाफ मैदान में उतरते हुए अच्छी फॉर्म में थे. ट्यूनीशिया ने अपने पिछले 9 मैचों में से सिर्फ 1 में हार का दीदार किया था और उसका यह रिकॉर्ड इस मैच में भी कायम रहा.
टीम में बड़े स्टार्स, बावजूद इसके डेनमार्क का लचर प्रदर्शन
वहीं विरोधी टीम डेनमार्क ने पिछले साल यूरो 2020 के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी और 2018 में फुटबॉल वर्ल्ड कप में वह अंतिम 16 में भी पहुंचा था. पूरी तरह से फिट डेनमार्क अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरा था. उसकी टीम में क्रिश्चियन एरिकसेन, कैस्पर डोलबर्ग, पियरे-एमिल होजबर्ज और मिकेल डैम्सगार्ड जैसे खिलाड़ी उपलब्ध थे. इन धरंधर खिलाड़ियों के साथ डेनमार्क को ट्यूनिशिया के खिलाफ मजबूती से खेलना चाहिए था पर इन सबने निराश किया.

इसे भी पढ़ें–Breaking : टीएसी की बैठक संपन्न, निकाय चुनाव में एकल पद पर विधि परामर्श लिया जायेगा
बॉल पॉजेशन में डेनमार्क का दबदबा
हालांकि डेनमार्क ने खेल के 62 फीसदी हिस्से में बॉल पॉजेशन अपने पास रखा. उसने 5 शॉट टारगेट पर भी मारे, पासेज भी ट्यूनिशिया के मुकाबले ज्यादा दिए लेकिन बैलेंस की कमी के चलते युरोपीयन प्लेयर्स कभी भी ट्यूनिशिया की डिफेंस को पूरी तरह से भेद नहीं सके. नतीजतन ग्रुप डी का यह मैच बिना किसी गोल के 0-0 के स्कोर लाइन के साथ ड्रॉ पर खत्म हुआ.