Chaibasa : 23 जनवरी 2022 को पश्चिमी सिंहभूम के मुफस्सिल थाना में हुई घटना के संबंध में सामाजिक संगठन एवं बुद्धिजीवीगण मंगलवार को उपायुक्त अनन्या मित्तल से मिले. इस संबंध में सामाजिक संगठन ने कहा कि आदिवासियों व पुलिस जवानों के बीच हिंसा एवं लोगों को लगी चोट कोल्हान के लिए दुखद घटना है. आशा है प्रशासन द्वारा सभी जख्मी आदिवासियों व पुलिस जवानों को पर्याप्त मेडिकल सेवा उपलब्ध करवाया जा रहा है. पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न जन संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों की ओर से इस मामले के कई अहम मुद्दों पर डीसी का ध्यान आकर्षित कराया गया. जिस पर उपायुक्त अनन्या मित्तल ने कहा- अलग देश की मांग किसी ने नहीं की है और न ही सरकार ने भर्ती निकाली. प्रशासन केवल फ़र्ज़ी भर्ती के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है. प्रशासन और पुलिस सुनिश्चित करेंगे कि इस मुहिम को महज समर्थन करने वाले आम आदिवासी या नियुक्ति फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाई नहीं की जायेगी और परेशान नहीं किया जायेगा. रिक्त पदों को भरा जायेगा और युवाओं के लिए स्वरोजगार की व्यवस्था ज़्यादा से ज़्यादा की जायेगी. प्रशासन द्वारा सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं में ग्राम सभा व मुंडा-मानकी की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित की जायेगी. प्रशासन द्वारा अखबार आदि के माध्यम से लोगों तक सही जानकारी पहुंचायी जायेगी कि ये नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से नहीं की जा रही थी.
जिला प्रशासन पहले कार्रवाई की होती तो 23 जनवरी की घटना नहीं होती
बुद्धिजीवी संगठन ने कहा कि कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट की ओर से पुलिस, शिक्षकों व मुंडा-मानकी की बहाली की प्रक्रिया कई महीनों से चलायी जा रही थी. इनके कई शिविर में स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारी भी उपस्थित थे. यह भी जानकारी है कि ईस्टेट के संचालकों द्वारा नियुक्ति फॉर्म बेचा जा रहा था और नियुक्ति के नाम पर कुछ पैसे लिये जा रहे थे. प्रशासन व पुलिस को इस मामले की जानकारी पहले से होने के बावज़ूद मुहिम की शुरुआत में ही उनके द्वारा लोगों के बीच सही जानकारी नहीं दी गयी कि कोल्हान पुलिस समेत अन्य नियुक्तियां राज्य सरकार की ओर से नहीं की जा रही है और मुहिम के संचालकों से वार्ता भी नहीं की गयी. अगर पहले ही उक्त कार्यवाही की जाती, तो शयाद 23 जनवरी की घटना नहीं होती. यह कहीं न कहीं वर्तमान स्थिति उत्पन्न होने में उनकी संलिप्तता दर्शाती है.
मुहिम को जनसमर्थन मिलने के प्रमुख दो कारण
इस मुहिम को जनसमर्थन मिलने के प्रमुख दो कारण हैं – ‘कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट’ की मांग क्षेत्र में कई दशकों से कुछ लोगों द्वारा की जाती रही है. वर्तमान में इसका आधार 1837 का विलकिंसन रूल है एवं यह मांग आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन की मांग पर आधारित है, न कि अलग देश की मांग. कोल्हान में सरकार द्वारा न ही विलकिंसन रूल को वर्तमान शासन प्रणाली के अनुरूप लागू किया जा रहा है और न ही पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था की रूप-रेखा को संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप ठोस रूप से तय की गयी है. इसका फायदा लेकर कुछ लोग आदिवासियों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. साथ ही, व्यापक बेरोज़गारी के कारण रोज़गार का वादा करने वाले की सच्चाई को अक्सर पूरा परखते नहीं हैं और जो इसकी बात करता है, उसके पीछे दौड़ते हैं.
सामाजिक संगठन ने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम से उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा
- ‘कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट’ के नाम से वर्तमान मुहिम को समर्थन देने वाले आम आदिवासियों पर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई न की. मुहिम में अगर कुछ गैर-कानूनी कार्यवाही हुई है, तो उसके अनुसार इसके संचालकों पर न्यायसंगत कार्रवाई करें, न कि आम आदिवासियों पर. यह भी जांच करें कि स्थानीय प्रशासन व पुलिस को जानकारी होने के बावज़ूद क्यों आदिवासियों में रोज़गार का भ्रम फैलने दिया गया. इसके लिए दोषी पदाधिकारियों व पुलिस के विरुद्ध न्यायसंगत कार्वाई की जाये.
- तुरंत लोगों को यह जानकारी दी जाये कि हो शिक्षक, कोल्हान पुलिस व मुंडा-मानकी की बहाली राज्य सरकार की ओर से नहीं की जा रही थी. ज़िला स्तर के विभिन्न विभागों में रिक्तियों को तुरंत भरा जाये और स्थानीय आदिवासी-मूलवासियों को प्राथमिकता दी जाये. ज़िला के DMFT कोष को रोज़गार सृजन के लिए उपयोग किया जाये.
- ज़िला में ग्राम सभा व पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को सरकारी परियोजनाओं व कार्यक्रमों में दरकिनार न किया जाये. पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा किसी क्षेत्र में कार्रवाई / अभियान करने से पहले मुंडा-मानकी को सूचित किया जाये. हकूकनामा के अनुसार मुंडा-मानकी को पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था अनुसार उनके गांव को भूमि बंदोबस्ती का अधिकार दिया जाये. लंबे समय से रिक्त कोल्हान अधीक्षक के पद पर कोल्हान के रूढ़ी प्रथा पर जानकार व्यक्ति की नियुक्ति की जाये.
- सरकार पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों व पेसा को पूर्ण रूप से लागू करे. जल्द-से-जल्द पेसा नियमावली बनाये एवं वर्तमान शासन प्रणाली के अनुसार विलकिंसन रुल को संशोधित कर लागू करें.
इसे भी पढ़ें – अविनाश पांडेय बने झारखंड कांग्रेस के नए प्रभारी
बिल्कुल सही है कि कोल्हान के जनता अलग देश की मांग नही कर रहे है लेकिन पत्रकारो ने सच्चाई बिनाजाने गलत अफवाह फैला दिया जो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए साथ ही जानकारी रहते हुए समय पर कार्रवाई नही की मामले को बढ़ावा दिया था प्रशासन भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए