Mumbai : आरबीआई (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी किये गये आंकड़ों में जानकारी दी गयी है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) 15 अक्टूबर, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह में 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर हो गया है.
95 करोड़ डॉलर बढ़ा एफसीए
आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 15 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) के बढ़ने की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए 95 करोड़ डॉलर बढ़कर 577.951 अरब डॉलर हो गया. बता दें कि डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.
इसे भी पढ़ें : किसी भी राज्य को CBI जांच की सहमति वापस लेने का हक नहीं, मोदी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा
गोल्ड रिजर्व में 55.7 करोड़ डॉलर की बढ़ोत्तरी
रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व 55.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.579 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 2.1 करोड़ डॉलर घटकर 19.247 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 60 लाख डॉलर बढ़कर 5.231 अरब डॉलर हो गया.
इससे पहले 8 अक्टूबर, 2021 को खत्म हुए सप्ताह में 2.039 अरब डॉलर बढ़कर 639.516 अरब डॉलर हो गया था. वहीं, 1 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में 1.169 अरब डॉलर घटकर 637.477 अरब डॉलर रह गया था. इससे पिछले 24 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 99.7 करोड़ डॉलर घटकर 638.646 अरब डॉलर रह गया था.
इसे भी पढ़ें : मुकेश अंबानी ने हर बिजनेस से माल कमाया, रिलायंस इंडस्ट्रीज का जुलाई-सितंबर तिमाही का वित्तीय परिणाम जारी
भारत मजबूत आर्थिक पुनरुद्धार का अनुभव कर रहा है
बता दें कि आरबीआई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि भारत मजबूत आर्थिक पुनरुद्धार का अनुभव कर रहा है, और उसने अपनी मौद्रिक नीति में उदार बने रहने का फैसला किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत बहुत मजबूत आर्थिक सुधार देख रहा है, लेकिन अभी भी विभिन्न क्षेत्रों के बीच असमानता है. उनके भाषण के हिस्से को आईएमएफ ने जारी किया. इस वीडियो क्लिप में दास ने कहा कि इसलिए हमने अपनी मौद्रिक नीति में उदार बने रहने का फैसला किया है, जबकि साथ ही मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.