By Special Correspondent
New Delhi, 24 Nov: विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर आज से बहरीन, संयुक्त अरब अमारात और सेशल्स की यात्रा पर जायेंगे। छह दिन की यात्रा के दौरान श्री जयशंकर इन देशों के विदेशमंत्रियों और शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्री के रूप में डॉक्टर जयशंकर का यह पहला दौरा है. डॉ. जयशंकर सरकार और भारत की जनता की ओर से बहरीन के दिवंगत प्रधानमंत्री खलीफा बिन अल-खलीफा की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करेंगे। अल-खलीफा का 11 नवम्बर को निधन हो गया था।
डॉ. जयशंकर द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय और परस्पर हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे। दोनों देशों के बीच उड़ानों का संचालन एयर बबल प्रबंध के तहत होता है।
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डॉक्टर जयशंकर 25 और 26 नवम्बर को संयुक्त अरब अमारात दौरे पर होंगे। उनका अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात का कार्यक्रम है।
दोनों नेता भारत और अमारात के बेहतरीन सहयोग को नई दिशा देंगे, इसके तहत कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक सामरिक भागीदारी और विचारों का आदान-प्रदान होगा।
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में डॉक्टर जयशंकर 27 नवम्बर को सेशल्स पहुंचेंगे। वे नवनिर्वाचित सेशल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकलावन से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं देंगे। इस दौरान भारत-सेशल्स आपसी रिश्तों को और मजबूत करने के लिए नई सरकार की प्राथमिकताओं और तौर-तरीकों पर बातचीत करेंगे।
इस दौरान विदेश मंत्री, सेशल्स के नवनियुक्त विदेश और पर्यटन मंत्री सिल्वेस्टर राडेगोंडे के साथ परस्पर सलाह-मशविरा भी करेंगे।
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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला 26 नवम्बर से नेपाल दौरे पर
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला 26 नवम्बर को दो दिन के दौरे पर नेपाल जायेंगे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उनका नेपाल का यह पहला दौरा है।
दोनों देशों के बीच नियमित उच्चस्तरीय वार्ता के लिये यह दौरा हो रहा है। इस दौरान विदेश सचिव, अपने समकक्ष सहित अन्य नेपाली नेताओं से बातचीत करेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के अवसर के रूप में इस दौरे को देखा जा रहा है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जम्मू के नगरोटा में सुनियोजित आतंकवादी हमले को लेकर विदेश मिशनों के प्रमुखों के चुनिंदा समूह को कल जानकारी दी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित इस घटना से सुरक्षा और कूटनीतिक असर के बारे में भी बताया। सुरक्षाबलों ने 19 नवम्बर को आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 हालात के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने पहली बार छोटे समूहों में कई जानकारियां दीं। दूसरे अन्य सचिव भी अपने क्षेत्राधिकार में मिशन प्रमुखों को सूचित करेंगे। सूत्रों ने बताया कि संबंधित सूचनाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भी साझा की जाएगी।
मिशन प्रमुखों को घटना के विस्तृत ब्यौरे उपलब्ध कराकर व्यापक सूचना मुहैया कराई गई। यह बताया गया कि आतंकवादियों से जो गोलाबारूद बरामद हुआ, उससे पता चलता है कि इसका मूल स्रोत पाकिस्तान है। विदेशी मिशनों को जानकारी दी गई कि आतंकवादी किस तरह भारत में दाखिल होते हैं। इससे साफ पता चलता है कि साम्बा सेक्टर में भूमिगत सुरंग के रास्ते खतरनाक मंसूबे बनाए गए।
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सूत्रों ने बताया कि पूर्व में ऐसी कई घटनाएं साझा की गईं जिनमें जैश-ए-मोहम्मद की मिलीभगत रही। व्यापक तस्वीर पर गौर करें तो स्पष्ट है कि आतंकवादी फरवरी 2019 कांड के बाद भारत में काफी बड़े आतंकी हमले की फिराक में हैं। यह सब जिला विकास परिषद के चुनाव में गड़बड़ी पहुंचाने की कोशिशों का हिस्सा है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले की बरसी पर आतंकी हमले का उद्देश्य दुख की बात है। विदेशी प्रतिनिधियों को संवेदनशील बनाना है कि जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने की पाकिस्तान की लगातार कोशिशों को लेकर भारत की चिंता गंभीर है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनाव और लोकतंत्र के तानेबाने को छिन्न-भिन्न करने की यह पाकिस्तानी साजिश है।