Hazaribag : हज़ारीबाग़ के बड़कागांव एनटीपीसी द्वारा बड़कागांव के भू – रैयतों को उचित मुआवजा व सुविधा नहीं मिली है. इसको लेकर पूर्व विधायक लोकनाथ महतो द्वारा बार-बार आंदोलन किया गया. लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. पदाधिकारियों के झूठे आश्वासन से तंग आकर उन्होंने भू-रैयतों के साथ सरकार के समक्ष सामूहिक रूप से विधानसभा के समक्ष आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. पूर्व विधायक लोकनाथ महतो ने बड़कागांव स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बातें कही है.
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समस्या जस की तस बनी हुई है
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी कंपनी ना ही अपनी घोषणा के अनुरूप रैयतों को मुआवजा व सुविधा दे रही है और ना ही 2013 भूमि अधिग्रहण बिल के तहत ही. वहीं सरकारी जमीन को लीज पर ली है एवं रैयती जमीन को अपनी मर्जी से मुआवजा का भुगतान कर रही है, जिसमें बहुत तरह की खामियां व कमियां हैं. इसको लेकर कई बार आंदोलन किया गया तथा प्रदेश के तमाम आला अधिकारियों व एनटीपीसी के पदाधिकारियों से मुलाकात कर समस्या का समाधान करने को लेकर पहल की गयी. लेकिन सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला और समस्या जस की तस बनी हुई है.
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एनटीपीसी मूल मुआवजा के साथ 30% अतिरिक्त भुगतान करे
उनकी मांग है कि एनटीपीसी मूल मुआवजा के साथ -साथ 30% अतिरिक्त भुगतान करे. साथ ही सीबी एक्ट लागू होने के बाद से मुआवजा के भुगतान के बीच 12% ब्याज जोड़कर भुगतान किया जाये, जो एनटीपीसी के नियमावली में है या फिर सरकारी जमीन की तर्ज पर लीज पर जमीन लेकर प्रति वर्ष मुआवजा का भुगतान किया जाये. इन्हीं मांगों को लेकर हजारीबाग उपायुक्त से बुधवार को मुलाकात की गयी, जिसमें उपायुक्त का जवाब संतोषप्रद नहीं रहा और सरकार से मिलने को कहा गया. अगर सरकार भी हमारी बात नहीं मानती है, तो रैयतों के साथ झारखंड विधानसभा के समक्ष सामूहिक आत्मदाह किया जायेगा. प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व विधायक लोकनाथ महतो के साथ समाजसेवी आंदोलनकारी देव प्रसाद महतो, डॉक्टर बालेश्वर कुमार, श्रीकांत निराला आदि मौजूद थे.
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