LagatarDesk : भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG ) विनोद राय IDFC Ltd. में दोबारा अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे. IDFC के शेयर होल्डर्स ने उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया. वहीं शेयरहोल्डर्स ने जैमिनी भगवती और अनिल सिंघवी की इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी. 22 सितंबर को फर्म की 24वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के बाद स्टॉक एक्सचेंजों के साथ शेयर की गयी जानकारी में यह बात सामने आयी है.
शेयर होल्डर्स ने राय के खिलाफ 62.28 फीसदी दिया वोट
IDFC ने बीएसई फाइलिंग में कहा है कि राय को पर्याप्त वोट नहीं मिले. इसलिए उनके बोर्ड में शामिल करने के प्रस्ताव को पास नहीं किया गया. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, शेयर होल्डर्स ने राय के खिलाफ 62.28 वोट दिये. वहीं उनके पक्ष में केवल 37.11 फीसदी वोट पड़े. प्रस्ताव को पारित करने के लिए 50 फीसदी वोटों की जरूरत होती है. आपको बता दें कि विनोद राय की नियुक्ति कंपनी में नॉन एक्जीक्यूटिव और नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में होने वाली थी. अगर उनके प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती तो वो 23 मई 2023 तक IDFC के बोर्ड में शामिल होते.
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बैंक बोर्ड ब्यूरो में अध्यक्ष रह चुके हैं विनोद राय
इस साल मई में IDFC ने राय को नॉन एक्जीक्यूटिव और नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया था. जिसके लिए शेयर होल्डर्स की मंजूरी मिलनी बाकी थी. विनोद राय कैग भी रह चुके हैं. उन्हें केंद्र और राज्य सरकार दोनों में कई अलग-अलग पदों पर काम करने का लंबा अनुभव है. सरकार द्वारा गठित बैंक बोर्ड ब्यूरो में राय अध्यक्ष भी थे. इसके अलावा उन्होंने एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक और एलआईसी सहित कई बड़े कंपनियों के बोर्ड में डायरेक्टर रह चुके हैं.
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