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New Delhi: विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल आयोजित किए जाने वाले भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव (National Science Film Festival Of India) के 10वें संस्करण की वर्चुअल रूप से शुरुआत हो चुकी है. यह फिल्म महोत्सव भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार एवं त्रिपुरा स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है. इस फिल्म महोत्सव का उद्घाटन त्रिपुरा के उप-मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने मंगलवार को वर्चुअल रूप से किया है. यह चार दिवसीय ऑनलाइन फिल्म महोत्सव 27 नवंबर तक चलेगा.
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कोविड-19 के कारण समस्याओं के साथ ही नए अवसर
त्रिपुरा की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव तनुश्री देव वर्मा ने कहा कि “कोविड-19 के कारण उभरी समस्याओं के साथ-साथ हमें यह अवसर भी मिला है. हम इस ऑनलाइन आयोजन के जरिये व्यापक जनसमुदाय तक पहुँच सकते हैं, जिसका लाभ बड़े पैमाने पर लोगों को मिल सकता है. अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, जैव विविधता एवं जीवन शैली के कारण त्रिपुरा समेत संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत युवाओं एवं सांस्कृतिक समुदाय के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के उद्देश्य से बनायी जाने वाली फिल्मों के निर्माण का एक प्रमुख केंद्र हो सकता है.
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लॉकडाउन से पहले अगरतला में होना था आयोजन
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने कहा कि अपनी तीन दशक की यात्रा में विज्ञान प्रसार ने निरंतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लोगों को जोड़ने का कार्य किया है. विज्ञान फिल्म महोत्सव इस यात्रा का एक अहम हिस्सा है. इस वर्ष लॉकडाउन से पहले मार्च में अगरतला में यह आयोजन होना था, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. लेकिन, महामारी के प्रकोप को देखते हुए विज्ञान फिल्म फेस्टिवल को स्थगित करना पड़ा और अब यह वर्चुअल रूप से आयोजित किया जा रहा है. आज पूरी दुनिया की नज़रें वैक्सीन के विकास पर टिकी हुई हैं और हम यह उम्मीद करते हैं कि आगामी राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव अपने वास्तविक स्वरूप में आयोजित हो सकेगा.
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विभिन्न भाषाओं की 372 फिल्मों का हुआ चयन
इस वार्षिक फिल्म महोत्सव में इस साल विभिन्न भाषाओं की कुल 372 फिल्मों का चयन हुआ है. दस सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा इनमें से चुनी गई 115 फिल्मों को ऑनलाइन विज्ञान फिल्म महोत्सव के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा. इनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मलयालम, कश्मीरी, बंगाली, मराठी, पंजाबी और तमिल भाषाओं की फिल्में शामिल हैं. ये फिल्में विभिन्न पेशेवरों, अलग-अलग संस्थानों, निर्माताओं, छात्रों एवं अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों द्वारा बनायी गई हैं. इस महोत्सव में डॉक्यूमेंट्री, डॉक्यू-ड्रामा, एनिमेशन एवं साइंस फिक्शन वर्गों में फिल्में आमंत्रित की गई थीं. ये फिल्में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा, पर्यावरण, जल प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं औषधि, बायोग्राफी, कृषि, परंपरागत ज्ञान और विज्ञान के इतिहास जैसे विषयों पर केंद्रित हैं.
वैज्ञानिक चेतना के प्रसार मे विज्ञान फिल्मों के महत्व पर जोर
विज्ञान फिल्म महोत्सव के निर्णायक मंडल में शामिल जाने-माने फिल्ममेकर गिरीश कासारवल्ली, मशहूर फिल्ममेकर एवं सिनेमा शिक्षाविद अभिजीत दास गुप्ता, मीडिया शिक्षाविद शंभूनाथ सिंह और दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने भी इस अवसर पर समाज में वैज्ञानिक चेतना के प्रसार मे विज्ञान फिल्मों के महत्व को समझने पर जोर दिया है. 10वें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव इस वर्ष 18-22 मार्च को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आयोजित होना था. पर, कोविड-19 के चलते यह फिल्म महोत्सव वर्चुअल रूप में आयोजित हो रहा है. विज्ञान प्रसार की वेबसाइट पर जाकर इस विज्ञान फिल्म महोत्सव से वर्चुअल रूप में जुड़ा जा सकता है. इससे पहले 9वां भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था.
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