Lagatar Desk : इटली ने यूरो कप के उद्घाटन मैच में अपनी चमक,हुनर,तकनीक और युवा खिलाड़ियों के बेहतरीन तालमेल से यूरो के फेवरिट माने जा रही टीमों को हैरान कर दिया है. रोबोर्टो मैसिनी जो अपने जमाने के मशहूर खिलाड़ी रहे हैं वो 2018 विश्व कप के लिए इटली के क्वालिफाई नहीं करने के बाद मैनेजर बनाया गया था. मेसिनी के नेतृत्व में इटली ने पिछले 28 मैचों में अपराजेय रहा है. और पिछले 11 मैचों में लगातार जीत हासिल किया है. यूरो कप के शुरूआती मैच में माना जा रहा था कि तुर्की से इटली को कड़ी टक्कर मिलेगी. लेकिन जिस अंदाज में इटली ने मैच की शुरूआत की उससे तुर्की को रक्षात्मक होने के लिए विवश होना पड़ा.
कोविड के कारण एक साल टाल दिए गए यूरो 2020 को इसी नाम से आयोजित किया गया है. कोविड के बाद रोम के ओलंपिक स्टेडियम की क्षमता के 20 प्रतिशत दर्शकों के शोर के बीच कप की शुरूआत हुई. कोविड की तबाही, मौतों और साल भर के इंतजार के बाद यूरोपीयन शैली के जादुई आक्रमकता,गति, हुनर से दर्शक साल भर की त्रासदी कुछ पल के लिए बाहर आए. भारत सहित पूरी दुनिया में टीवी ऑनलाइन करोड़ो लोगों ने मैच देखा.
यूरो 2020 के प्रमुख दावोदारो में फ्रांस, बेल्जियम और पुतर्गाल की चर्चा है. लेकिन किसी भी प्रतियोगिता में जर्मनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. अतीत में देखा गया है जब कभी जर्मनी को कमजोर माना गया उसकी टीम ने प्रतियोगिता को फतह किया. जर्मनी की टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी है जिनमें अधिकांश ने क्लब प्रतियोगिताओं में जबरदस्त प्रदर्शन किया. लेकिन इस बार छुपे रूस्तम की तरह इंग्लैंड की भी दावेदारी को देखा जा रहा है. इंग्लैंड बड़ी प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती है. लेकिन हेरीकेन जैसे खिलाड़ी ने जिस तरह मैदान के भीतर इंग्लैंड की अगुवाई की है. इसी कारण उसे छुपा रूस्तम माना जा रहा है. इन टीमों के बीच इटली की चर्चा नहीं है. यही इटली की ताकत भी है क्योंकि उस पर उम्मीदों का भार नहीं है. पहले ही मैच में उसने दिखा दिया उसे आसानी से लेना किसी भी टीम को भारी पड़ सकता है.
मैसिनी ने इटली के परंपरागत खेल को और ज्यादा गति और आक्रमकता से चमक प्रदान किया है. इटली ने पिछले 27 मैचे में भी यह दिखा है कि वह इटली एक नयी टीम है जो टीम स्प्रीट और तालमेल के संगम के साथ उतरी है. मैसिनी के पहले तक इटली की टीम मकड़ी के जाल में प्रतिद्धंदी को फसाने और इस से मिले अवसर को गाल में बदलने के लिए जानी जाती रही है. विश्वकप को चार बार इसी शैली के साथ इटली ने कब्जा किया है. कुल मिला कर इटली विश्व कप के फाइनल तक 6 बार पहुंची है और को जीता है. इस दमदार रिकॉर्ड वाले इटली ने केवल एक बार ही यूरो को जीता है. वह भी 1968 में पिछले 52 सालों से वह यूरो कप के लिए तरस रही है. मैसिनी की यही सबसे बड़ी चुनौती है कि क्या वे अपनी टीम को लंदन के फाइनल तक का सफर और उसमें जीत दिला पाएंगे.
तुर्की ने कभी यूरो नहीं जीता है और न ही विश्व कप. लेकिन यूरोप में उसे दमदार टीम माना जाता है जो किसी भी दावेदार को परेशान करने की क्षमता रख्ती है. रोम के आगाज मैच में भी तुर्की ने 63 मिनट तक इटली के आक्रमणों को नाकाम किया और रोक कर उन्हें मायूस करने का प्रयास किया. लेकिन लेफ्ट फ्रंट से डोमेनिको बेरादी को रोक ज्यादा समय तक रोके रखना संभव ननहीं था. बेरादी के एक लाजबाव पास तुर्की के खिलाड़ी मेरिल डेमिरियाल के हाथ में लगा और गेंद गोल में चली गयी. डेमिरियाल गोल पोस्ट के पास ही आक्रमण को रेाकने का प्रयास कर रहे थे. इसके बाद गोल और हुए और इटली ने इन गोलों से दिखाया कि बेहतरीन पासिंग और निशाने पर शॉट मारने की क्षमता क्या होती है. इन गोलों को क्रमश: सिरो इमानोबिल और लोरेंजो इंसजी ने किया.