Ranchi : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने ईंट, ब्लॉक और टाइल्स निर्माताओं को मुफ्त या रियायती दर पर फ्लाई ऐश देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इससे फ्लाई ऐश की वजह से हो रहा प्रदूषण भी रुकेगा. सांसद ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया और अपनी मांग के पक्ष में तर्कपूर्ण साक्ष्य भी प्रस्तुत किये.
सरकार को ऐसे उद्यमों का स्वागत करना चाहिए
महेश पोद्दार ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट के लिए फ्लाइ ऐश एक अवशिष्ट या बेकार पदार्थ की तरह हैं. फ्लाइ ऐश का यदि उचित निपटान न हुआ तो ये पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनते हैं. स्वाभाविक है कि ऐसे में थर्मल पावर प्लांट्स को और सरकार को भी ऐसे उद्यमों या लोगों का स्वागत करना चाहिये जो इस अवशिष्ट को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल कर कुछ विशिष्ट रचना कर सकें.
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फ्लाइ ऐश से ईंट, टाइल्स बनाने के कारोबार ने पकड़ी है गति
सांसद ने कहा कि हाल के दिनों में फ्लाइ ऐश से ब्रिक्स, ब्लॉक्स, टाइल्स आदि बनाने के कारोबार ने गति पकड़ी है और यह कारोबार बड़ी मात्रा में हानिकारक फ्लाइ ऐश को उपयोगी निर्माण सामग्री बनाने की क्षमता रखता है.
ईंट बनाने की देशज तकनीक से कई नुकसान
उन्होंने कहा कि अबतक हमारे बीच ईंटों के निर्माण की जो देशज तकनीक उपलब्ध है, उसकी वजह से मिट्टी की ऊपजाऊ परत का क्षय होता है और उसे पकाने के क्रम में कोयला जलाने की वजह से प्रदूषण भी होता है. दूसरी तरफ, पावर प्लांट्स से उत्सर्जित फ्लाइ ऐश से होनेवाले प्रदूषण के खतरे से भी सभी अवगत हैं. ऐसे में, फ्लाइ ऐश ब्रिक्स के निर्माण को बढ़ावा देना एक साथ इन दोनों समस्याओं का समाधान है.
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