Ranchi: झारखंड, बिहार और उड़ीसा में पहली बार रांची के फ्रेया हॉस्पिटल में गर्भस्थ शिशु को रक्तदान कर न सिर्फ उसकी उसकी जान बचाई गई. बल्कि हॉस्पिटल में उच्च तकनीक, कुशल और अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में बच्चे का जन्म भी हुआ. जन्म के बाद नवजात बच्चे की स्थिति काफी गंभीर थी. अस्पताल के नियोनाटोलॉजी आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की देखरेख में जब बच्चा स्वस्थ हुआ तो उसे बुधवार को छुट्टी दे गई.
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आरएच नेगेटिव-पॉजिटिव होने की वजह से हो रहा था गर्भपात

फ्रेया हॉस्पिटल की विशेषज्ञ डॉ तूलिका जोशी ने कहा कि बच्चे के मां का आरएच नेगेटिव ब्लड ग्रुप और पिता का आरएच पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की वजह से तीन बार गर्भपात हो गया था. इस बार भी ऐसी संभावना बन रही थी. बच्चे का हीमोग्लोबिन का स्तर 5 के आसपास आ गया था. फ्रेया हॉस्पिटल के डॉ जोशी और गुजरात की इंट्रायूटेरिने ट्रांसफ्यूजन विशेषज्ञ डॉ अमि शाह ने मिलकर गर्भ में ही शिशु को रक्तदान कराया. इस प्रक्रिया के बाद शिशु का रक्त स्तर सामान्य हो गया. प्रसव का समय पूरा होने पर बच्चे का जन्म ऑपरेशन के द्वारा हुआ.

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