LagatarDesk : गौतम अडानी के पास पोर्ट से लेकर पावर कंपनी है, जो देश की दिग्गज कंपनियों की लिस्ट में शुमार है. अडानी ग्रुप की अगपवाई वाली कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी अब रिन्यूएबल सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है. कंपनी ने इसकी शुरुआत भी कर दी है. कंपनी ने फैसला लिया है कि ग्रीन एनर्जी सेक्टर में 2030 तक 70 अरब डॉलर निवेश करेगी. कंपनी के इस फैसले के बाद अडानी का सीधा मुकाबला मुकेश अंबानी से हो सकता है. गौतम अडानी ने एक वर्चुअल समिट में यह जानकारी दी है.

रिन्यूएबल सेक्टर की शीर्ष कंपनी बनने का लक्ष्य
अडानी ग्रीन एनर्जी रिन्यूएबल सेक्टर की सबसे शीर्ष कंपनी बनना चाहती है. कंपनी अगले दशक में ग्रीन एनर्जी सेक्टर में 20 अरब डॉलर का फ्रेश इन्वेस्टमेंट करना का फैसला किया है. इसमें इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, बैकवार्ड इंटीग्रेशन प्लान और सोलर एंड विंड जेनरेशन बिजनेस के लिए सप्लाई चैन डेवलप करना शामिल है.
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चार साल में तीन गुना बढ़ेगा प्रोडक्शन
अडानी ग्रुप के फैसले के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इंटर इंडस्ट्रियल क्लाउड प्लेटफॉर्म भी बनाया जायेगा. अडानी ने वर्चुअल समिट में कहा कि उनकी कंपनी सोलर पावर जेनरेशन कैपेसिटी को अगले 4 साल में 3 गुना बढ़ाने पर विचार कर रही है.
4 साल में 25 गीगावाट का लक्ष्य हो चुका है पूरा
अडानी ने अपने बयान में कहा कि दुनिया में कोई भी कंपनी एनर्जी जेनरेशन को इस स्पीड से नहीं बना सकती. रिन्यूएबल एनर्जी का हमारा पोर्टफोलियो 4 साल में 25 गीगावाट के शुरुआती लक्ष्य को समय से पहले ही पूरा कर चुका है.
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2030 तक का 450 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य
अडानी ग्रीन एनर्जी 2030 तक भारत में रिन्यूएबल एनर्जी से 450 मेगावाट बिजली पैदा करना चाहती है. देश के दो शीर्ष अरबपति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी ग्रीन एनर्जी में इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हैं. अंबानी 1 डॉलर पर केजी के हिसाब से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की योजना पर काम कर रही है. अडानी ने बताया कि कंपनी ग्रीन इलेक्ट्रॉन बनाने पर भी काम कर रही है. यह बहुत सस्ता हो सकता है.

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