Ranchi : राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद झारखंड कराधान राशि का समाधान अधिनियम 2022 को लेकर विधि विभाग ने गजट प्रकाशित कर दिया है. इसके तहत जीएसटी लागू होने के पहले तक के बकाये को लेकर चल रहे कानूनी विवाद समाप्त हो जायेगा. इससे व्यावसायियों को सीधा लाभ होगा. इस अधिनियम के आने के बाद बकाया टैक्स की वसूली के लिए मुकदमों को समाप्त कर बकाये की वसूली का प्रावधान किया गया है. इसके तहत जीएसटी लागू होने से पहले तक के बकाये के सिलसिले में चल रहे कानूनी विवाद को समाप्त किया जायेगा.
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लंबित मामले के निबटारे के लिए अंचलों में आवेदन देना होगा
इसके लिए अब व्यावसायियों को इसका लाभ लेने के लिए अपने-अपने अंचल में आवेदन देना होगा. अभी राज्य में ऐसे करीब 5000 से अधिक मामले हैं जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित चल रहे हैं. मुकदमे के निबटारे से सरकार को करीब 500 करोड़ का मुनाफा होने की संभावना है. विवाद समाप्त करने के लिए व्यापारियों को एडमिटेड टैक्स का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा. जिस राशि को लेकर सरकार और व्यापारी के बीच विवाद है. उसमें 40 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा. फार्म से संबंधित बकाया राशि का 50 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा. सूद एवं दंड राशि के तहत 10 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा. इसका सीधा फायदा व्यापारियों को होगा. यानि की इन्हें 90 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. एक आंकड़ा के अनुसार व्यापारियों के साथ कानूनी विवाद में 3690 करोड़ रूपए शामिल हैं. इसमें टैक्स मद में 3004 करोड़ रूपए और सूद एवं दंड के रूप में 396 करोड़ रूपए हैं. जानकारी के अनुसार इसमें कई ऐसे मामले हैं जो 40 साल पुरानी है. सरकार अब ऐसे मामले में वन टाईम सेटेलमेंट करेगी.
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