News Delhi : राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा. दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गुरुवार शाम कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि एक बार फिर ऑब्जर्वर जयपुर जाएंगे. विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी. इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि गहलोत CM होंगे या नहीं. वहीं सचिन पायलट ने भी गुरुवार शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात की. लगभग 1 घंटे चली बैठक के बाद जब सचिन पायलट 10 जनपथ से बाहए आए. मीडिया ने उनसे सवाल किया कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके जवाब में पायलट ने अपने शालीन लहजे में कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता राजस्थान है. उन्होंने कहा- हमने पार्टी की अध्यक्ष और अन्य नेताओं से बात की है. उन्होंने हमारी सारी बातों को सुना. हमने उन्हें अपनी भावनाएं बता दी है. मैं पहले भी कहता रहा हूं कि हम सब चाहते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव हम मिलकर लड़ें. हमें यकीन है कि हम राजस्थान में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे. मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है.
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दरअसल सचिन पायलट की सोनिया गांधी से यह मुलाकात कई मायनों में खास थी, क्योंकि गुरुवार की सुबह में ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी के साथ बैठक की थी. बाहर आकर उन्होंने जयपुर में विधायकों के आचरण और व्यवहार के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगने की बात कही. वहीं बोला कि अब आलाकमान ही कोई फैसला लेंगी. मीटिंग के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है. मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है. वहीं राजस्थान में बयानबाजी करने वाले नेताओं के लिए वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में पार्टी नेताओं को बयानबाजी से बचने की नसीहत दी गई है. उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई.
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इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे. उन्होंने कहा कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा. वहीं राजस्थान में अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवरों के बाद सोनिया गांधी पूरे घटनाक्रम पर नाराज हैं. विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और गहलोत के समर्थक मंत्रियों के बयानों को ऑब्जवर्स की रिपोर्ट में हाईकमान के आदेशों का उल्लंघन और गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस जारी किए थे.
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