5000 पौधे लगा चुके हैं
Khunti: राज्य में कुछ लोग पर्यावरण संरक्षण के काम में लगे हैं. इसमें एक शख्स हैं राहे प्रखंड के फुलवार गांव के रिटायर्ड शिक्षक डॉ करमचंद अहीर. नौकरी से रिटायर होने के बाद पिछले 11 वर्षो से पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रयासरत हैं. इन्होंने 5 एकड़ बंजर भूमि में 5000 से अधिक पोधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास किया है. इससे एक दशक बाद बंजर जमीन हरियाली हो गयी है. पूरे 5000 पेड़ तैयार हैं. करमचंद प्रतिदिन पेड़ो के देखभाल करते हैं.
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बताया जाता है कि 2009 में रिटायर होने के बाद पर्यावरण संरक्षण के कार्य में लग गये. इन्होंने अपने बगान का नाम चैती शंभू पार्क दिया है. बगान में सागवान, कटहल, शीशम, आम, जामुन, महोगनी, गमहार, नीम, करंज, आंवला और बिजासल के पेड़ लगे हैं. पोधारोपण की प्रेरणा इन्हें अपने सेवाकाल मे मिली. जब ये वन विभाग बड़ाझिकपानी में रहते थे.
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बताया जाता है कि करमचंद को 2008 में राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार दिया गया था. रिटायर होने के बाद राहे हाईस्कूल में मुफ्त पढ़ाने लगे. इनकी लिखी पंच परगनिया भाषा की पुस्तक 9वीं से स्नातक के पाठ्यक्रम में शामिल है. करमचंद कहते हैं कि पर्यावरणीय समस्याएं हमारे जीवन को काफी प्रभावित कर रही हैं. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए. तभी पर्यावरण बेहतर होगा.
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