सदर प्रखंड, पथरगामा प्रखंड, महगामा प्रखंड, मेहरमा प्रखंड, ठाकुरगंगटी प्रखंड और बसंतराय प्रखंड में मुख्य रूप से बाल विवाह के अधिक मामले
Godda : झारखंड में बाल विवाह को रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है. इस प्रथा की रोकथाम को लेकर सरकार की ओर से किशोरी सशक्तिकरण योजना तेजस्विनी, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ एवं केन्द्रीय समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत पुर्नवासन जैसी योजना संचालित है. फिर भी बाल विवाह नहीं रूक रहा है. गोड्डा जिला इन दिनों इसी समस्या से जुझ रहा है. दरअसल झारखंड का यह जिला बाल विवाह के मामले में पहले स्थान पर है. इसे देखते हुए अब जिला प्रशासन ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है, ताकि इस कुप्रथा को रोका जा सके.
बाल विवाह रोकने के लिए लागू है कानून
बता दें कि बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 लागू किया है. इसमें क़ानूनी प्रावधानों अनुसार लड़का की उम्र न्यूनतम 21 वर्ष और लड़की की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष अनिवार्य किया गया है. अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत बाल विवाह एक अपराध है. यह गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है. बाल विवाह के आयोजन में शामिल सभी परिजन, माता-पिता, धर्मगुरु (पंडित, पुजारी, मौलवी, पादरी) टेंटवाला, डेकोरेशनकर्मी , विवाह भवन के संचालक , बैंडपार्टी , बाराती, हलवाई , वीडिओग्राफर, प्रिंटिंग प्रेस संचालक, नाई, कुम्हार, समाज सेवी सभी के विरुध अधिनियम की धारा 11 के दो वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों कार्रवाई का प्रावधान है.
बाल विवाह रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार
गोड्डा के सदर प्रखंड, पथरगामा प्रखंड, महगामा प्रखंड, मेहरमा प्रखंड, ठाकुरगंगटी प्रखंड और बसंतराय प्रखंड में मुख्य रुप से बाल विवाह के अधिक मामले आ रहे हैं. जिले में प्राथमिकता के तौर से बाल विवाह की दर को कम करने को लेकर जिला स्तर पर एक कार्य योजना तैयार की गयी है. जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में जिला स्तरीय क्रियान्वयन योजना को स्वीकृत किया है. टोल फ्री नंबर 1098 में लोगों को शिकायत करने की सलाह दी गयी है. सूचना प्राप्त होने के तुरंत बाद चाइल्ड लाइन सदस्यों द्वारा कार्रवाई करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सम्बंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जायेगी.