Godda : गोड्डा ज़िले में पूर्व में बिजली विभाग में कई काम हुए, कई उपकेंद्र बने, तारें बदली गयी. मगर पिछले दो तीन वर्षो से सब बंद हो गया. समय के साथ गोड्डा में विद्युत आपूर्ति की खपत बढ़ी है, लेकिन विभाग उतने संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, जिससे जिले में बिजली की समस्या भयावह रूप से व्याप्त है. विभाग के पास जर्जर हो चुके पोल और तार बदलने के लिए फंड नहीं है.
गोड्डा जिला में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए 80 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. शहरी क्षेत्र के लिए 25 मेगावाट की जरूरत होती है. जरूरत के अनुसार आपूर्ति नहीं मिलने पर लोड शेडिंग करनी पड़ती है. शहरी क्षेत्र में पीक आवर में बिजली मिले इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली काटी जाती है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में जब समुचित बिजली दी जाती है तो शहर के कुछ हिस्सों में बिजली काटी जाती है.
विभागीय कार्यपालक अभियंता राजेश मिश्रा बताते हैं कि ज़रूरत के मुताबिक राजस्व नहीं आ पाता है. उपभोक्ता के घरों पर बार-बार छापेमारी करना संभव नहीं है. जब तक उपभोक्ता बिजली बिल समय पर अदा नहीं करेंगे, हालात चुनौतीपूर्ण बना रहेगा.
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