Godda : साफा होड़ आदिवासी समुदाय में इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस समुदाय के आराध्य देव भगवान शिव हैं. श्रद्धालु मांस व मदिरा से दूर रहकर सामूहिक रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. माघी पूर्णिमा के अवसर पर 5 फरवरी को पत्थरगामा प्रखंड मुख्यालय से सटे सुंदर नदी में इस समुदाय के हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. सुबह से ही आसपास के गांवों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. सभी स्नान कर शिव मंदिर में घंटों पूजा-अर्चना की. चावल से प्रसाद तैयार सामूहिक रूप से ग्रहण किया.
सुंदर नदी छोटी गंगा मानी जाती है. इसका वजह यह है कि यह नदी गंगा से मिलती है. माघी पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद दान-पुण्य की भी परंपरा है. सूर्योदय होते ही श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू कर दिया. स्नान करने का सिलसिला दिनभर चलता रहा. श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री खरीदकर पूजा-अर्चना की.
माघी पूर्णिमा के बारे में मान्यता है कि भगवान हरि इस दिन खुद गंगाजल में निवास करते हैं. स्कंद पुराण के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यही कारण है कि इस दिन सनातन धर्मांवलंबी अपने घरों में सत्यनारायण भगवान का पूजन करते हैं.
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