Bermo: बोकारो जिला अन्तर्गत गोमिया प्रखण्ड में पदस्थापित प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमिताभ झा द्वारा शिक्षकों से धमकाने की तरकीब जानकर हैरान हो जायेंगे. वैसे श्री झा के करतुतों की जानकारी पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह एवं भाकपा राज्य परिषद के सदस्य इफ्तेखार महमुद ने प्रधान सचिव एवं निदेशक स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार, को दी है.
क्या है मामला
गोमिया प्रखण्ड में पदस्थापित प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमिताभ झा गोमिया में पिछले तीन वर्षो से पदस्थापित हैं. इनके पदस्थापन के बाद से ही वे शिक्षा जगत में अपने कारनामों के लिए हमेशा चर्चे में रहते हैं.श्री झा प्रखण्ड के नियमित एवं पारा शिक्षकों को छोटी छोटी बात को लेकर डराते धमकाते रहते है, और इसके एवज में मोटी रकम वसूल करते हैं. एक और है, जिसमें मामला है जिसमें एक पारा शिक्षक की पत्नी ने श्री झा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीईईओ द्वारा पैसा वसूली करने के कारण बीमार पड़ गया और आर्थिक अभाव में उनकी मौत हो गयी.
दरअसल गोमिया प्रखण्ड के नव प्राथमिक विद्यालय बिरहोर डंडा स्कूल में पारा शिक्षक के रूप में रमेश चन्द्र बेसरा 2003 से कार्यरत थे. श्री बेसरा का वेतन इधर कुछ माह से त्रुटि के कारण स्कूल प्रबंधन समिति के खाते में आने लगा था. जबकि श्री बेसरा वेतन के लिए अपना निजी खाता नंबर दिया था. इस त्रुटि को सुधारने के लिए श्री बेसरा ने बीईईओ श्री झा से लगातार संपर्क कर गुहार लगाते रहे, लेकिन बिना पैसा लिए काम करने को तैयार नही थे.
श्री झा ने इस गलती को सुधारने के लिए बीस हजार रूपये की मांग की. जब श्री बेसरा ने पैसा देने से मना कर दिया तो श्री झा ने उनका वेतन रोक दिया और धमकी देने लगे कि उसकी संविदा रदद कर दी जायेगी. श्री झा ने पारा शिक्षक का चार-पांच माह का वेतन भी रोक दिया. श्री बेसरा प्रखण्ड के शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगाते रहे, लेकिन बीईईओ श्री झा ने उसकी बात नही मानी और वेतन को रोके रखा. विवश होकर रमेश चन्द्र बेसरा ने स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष की उपस्थिति में दस हजार रूपया श्री झा को दे दिया और लंवित वेतन भुगतान कराने की मांग की. लेकिन श्री झा ने और पांच दिन के अन्दर दस हजार रूपये देने की मांग करते रहे. इसी सदमें में वे बीमार पड गये.
इलाज के अभाव में शिक्षक की हुयी थी मौत
पारा शिक्षक रमेश चन्द्र बेसरा का इलाज के अभाव में 14 मार्च को निधन हो गया. इस संबंध में मृतक की पत्नी छोटकी देवी ने 15 मार्च को गोमिया प्रखण्ड एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा था . पत्र में पूरी घटना को लिखते हुए कहा कि बीईईओ श्री झा लगातार मेरे पति से पैसे की मांग करते रहे थे, लेकिन मेरे पति के पास पैसा नही रहने के कारण वे मानसिक रूप से अवसाद में चले गए और बीमार पड गए. आर्थिक अभाव के कारण उनका इलाज ठीक से नही हो सका और उसकी मौत हो गयी. छोटकी देवी ने पारा शिक्षक संध से न्याय दिलाने की मांग की, लेकिन कोई परिणाम सामने नही आया. तब उन्होंने पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह से बात की. श्री सिंह ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल शर्मा से बात कर पूरी जानकारी दी है.
निरीक्षण के नाम पर भी धमकी
इसी प्रकार 20 अक्टूबर को गोमिया प्रखण्ड के उ0म0वि0 नैनाटांड स्कूल में औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान शिक्षकों द्वारा पांच मिनट देर से पहुंचने के कारण सभी शिक्षकों को तत्काल हाजरी बनाने से मना कर दिया था और अपने आवास में मिलने को कहा. आदेश के अनुसार सभी छः शिक्षक उनके आवास में मिलने गए. श्री झा ने सभी शिक्षकों से दण्डात्मक कार्रवाई नही करने के एवज में दस दस हजार रूपये की मांग की. शिक्षकों ने इस छोटी सी गलती के लिए इतना बडा आर्थिक दण्ड नही देने का आग्रह किया. लेकिन श्री झा कार्रवाई के लिए धमकी देते रहे. छः में से कुछ शिक्षकों ने विवश होकर उनकी बात मान ली, लेकिन कुछ ने बीईईओ की बात नही मानी और पैसे देने से इंकार कर दिया.