Ranchi: छठी जेपीएससी पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद अबतक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि JPSC इस फैसले की अपील दायर करेगी या नहीं. जेपीएससी और सरकार दोनों ही फिलहाल इस आकलन में लगे हैं कि इस निर्णय का क्या असर पड़ेगा. हाईकोर्ट में जेपीएससी का पक्ष रख रहे अधिवक्ता संजोय पिपरवाल जल्द ही जजमेंट की पूरी सर्टिफाइड कॉपी और अपना पत्र भेजेंगे. उसके बाद सभी पहलुओं पर विचार के बाद जेपीएससी यह तय करेगा कि इस मामले में क्या कदम उठाया जाना उचित होगा. इधर राज्य सरकार की तरफ से अब तक इस मामले में कोई ठोस पहल होता दिखाई नहीं दे रहा है. पुख्ता जानकारी के मुताबिक जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सरकार ने अब तक विधि विशेषज्ञ से रायशुमारी नहीं की है.
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रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
बता दें कि आठ जून को झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुनाया था. झारखंड हाइकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया था. इसके बाद से इस परीक्षा में सफल और असफल हुए अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है. इस बीच एक विकल्प ये भी है कि जिन अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट को अदालत ने रद्द कर दिया है वे भी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल सभी पक्ष वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं.