LagatarDesk : केंद्र सरकार ने घरेलू कच्चे तेल और डीजल पर अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफॉल टैक्स में कटौती की है. साथ ही जेट ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को पूरी तरह खत्म कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट के बाद यह कदम उठाया गया है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार देर रात को अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी. (पढ़ें, कांग्रेस ने महात्मा गांधी, शास्त्री को श्रद्धांजलि दी, सोनिया गांधी ने राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित की)
घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर इतना लगेगा विंडफॉल टैक्स
अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में 2500 रुपये प्रति टन की कटौती की है. इस कटौती के बाद डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर अप्रत्याशित लाभ कर 10,500 रुपये प्रति टन से घटकर 8,000 रूपये प्रति टन हो गया है. वहीं डीजल पर विंडफॉल टैक्स को 10 रुपये प्रति लीटर से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया गया. इतना ही नहीं सरकार ने जेट ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को पूरी तरह खत्म कर दिया है.पहले एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स 5 रुपये प्रति लीटर था.
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सरकार ने पहले भी घरेूल कच्चे तेल और डीजल के निर्यात पर घटाया था टैक्स
बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स में कटौती की है. इससे पहले भी सरकार ने क्रूड ऑयल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स 13300 रुपये से घटाकर 10500 रुपये प्रति टन कर दिया था. इसके साथ ही डीजल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया था. इससे पहले सरकार ने डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को सात रुपये से बढ़ाकर 13.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था.
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असमान्य लाभ को देखते हुए सरकार ने लगाया था टैक्स
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जुलाई में तेल उत्पादक कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था. जहां पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात पर शुल्क लगाये गये थे. वहीं स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क (एसएईडी) लगाया गया था. सरकार का कहना था कि वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने से ये कंपनियां असमान्य लाभ उठा रही हैं.
विंडफॉल टैक्स से सरकार को होती है मोटी कमाई
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है. भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं. इसलिए सरकार ने उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया था. इस फैसले के सरकारी को अच्छी कमाई हो रही है.
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