Ranchi : झारखंड सरकार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में 2 साल में कुछ नहीं कर सकी है. उपलब्धि शून्य है. लोग कहने लगे हैं सरकार काम नहीं कर रही है. मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जलछाजन मिशन या फिर सड़क, पुल, पुलिया हो. सभी योजनाएं धीमी गति से चल रही है. बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बजट का कम प्रावधान किया. 2020-21 में 59 हजार करोड़ और 2021-22 में 73 हजार करोड़ बजट का प्रावधान किया, जबकि रघुवर सरकार में ग्रामीण विकास का ही 10.30 हजार करोड़ का बजट होता था. नीलकंठ ने कहा कि हमारी सरकार हर साल बजट की राशि 20% बढ़ाती थी, जबकि यह सरकार बजट की राशि खर्च ही नहीं कर पा रही है.
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4.31 लाख में सिर्फ 3.68 लाख आवास ही हुए स्वीकृत
विधायक ने कहा कि 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4,31,504 आवास का लक्ष्य दिया गया था. वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है और अब तक मात्र 3,68,000 आवास ही स्वीकृत हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने तय किया था कि 2022 तक सभी आवासहीनों को आवास दिया जाएगा, लेकिन इस सरकार में आवास योजना की जो गति है उसे देख कर यह नहीं लगता कि 10-15 साल में भी यह लोग आवासहीनों को आवास देंगे.
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जलछाजन मिशन के 28 प्रोजेक्ट हो गए बंद
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि रघुवर सरकार ने जलछाजन मिशन में के तहत 28 प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया था, लेकिन इस सरकार ने सभी 28 प्रोजेक्ट को ही बंद कर दिया. वहीं मनरेगा में भी यह सरकार विफल है. रघुवर सरकार ने 5 साल में 23000 किलोमीटर सड़कें स्वीकृत हुई, लेकिन इस सरकार में 5-6 किलोमीटर भी रोड स्वीकृत नहीं हुआ. पिछली सरकार के कार्यकाल में 600 पुल बने, लेकिन इस सरकार में 2 साल में एक भी पुल स्वीकृत नहीं हुआ. बीजेपी सरकार ने 6,67,000 सखी मंडल बनाए थे, लेकिन इस सरकार में 2 साल में सिर्फ 3000 ही सखी मंडल बने. राज्य की विधि व्यवस्था बदतर हो चुकी है. पंचायत चुनाव पर सरकार का स्टैंड क्लियर नहीं है. मुख्यमंत्री और मंत्री पंचायत चुनाव पर अलग-अलग बयान देते हैं. यह सरकार लोगों को ठगने का काम कर रही है.
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