Pravin Kumar
देश की राजनीति में इन दिनों किसानों का मुद्दा छाया हुआ है. राज्य की हेमंत सरकार भी किसानों की कर्ज माफी को अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना रही है. राज्य सरकार ने कर्ज माफी के लिए कुल 2 हजार करोड़ की राशि मंजूर की थी. बजट में इसका प्रावधान किया गया था. इसके तहत वैसे किसानों का कर्ज माफ किया जाना था, जिन्होंने 31 मार्च 2020 से पूर्व कृषि लोन लिया है. लेकिन हकीकत यह है कि कृषि विभाग के ढीले रवैये के कारण मात्र 68 हजार किसानों को ही कर्ज माफी का लाभ मिल पाया.
8 मार्च, 2021 तक के कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुल दो हजार करोड़ में से विभाग मात्र 292 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया. विभाग 31 मार्च तक इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं सकता. लिहाजा अब एक हजार करोड़ की राशि सरेंडर करने की योजना बन रही है. किसानों की कर्ज माफी कांग्रेस का चुनावी वादा था. इस पर वह खरी नहीं उतरी.
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दो लाख की कर्ज माफी का था वादा, योजना 50 हजार करने की
झारखंड में कुल 12 लाख 93 हजार किसानों के खाते हैं. कुछ किसान खाते एनपीए हो चुके हैं. 7 लाख 84 हजार किसानों को पूर्ण कर्ज माफी का लाभ मिल सकता है. जबकि एक लाख 23 हजार किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ होगा. कर्ज माफी के लिए 3 लाख 78 हजार किसानों का डाटा विभाग के पोटल पर शॉर्ट लिस्ट किये जाने की सूचना है. झारखंड विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों से 2 लाख रुपये तक की ऋण माफी का वादा किया था.
झारखंड में कांग्रेस के समर्थन से बनी हेमंत सोरेन की सरकार के गठन के साथ ही कर्ज माफी की मांग उठने लगी. हेमंत सरकार की पहली सालगिरह पर राज्य के किसानों को ऋण माफी का तोहफा दिया गया. मगर 2 लाख के बजाय मात्र 50 हजार रुपये तक का कर्ज ही माफ करने की योजना है. इसके तहत पहले चरण में 2 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गयी.
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ऋण माफी मद का 1 हजार करोड़ सरेंडर करने की तैयारी
झारखंड में किसानों को ऋण माफी की हकीकत हैरान करने वाली है. साढ़े 6 लाख किसानों को ऋण माफी का तोहफा देने का दावा कर रहे कृषि विभाग ने मात्र 68 हजार किसानों को 50 हजार और उससे काम की राशि का कर्ज माफ किया है. किसानों की कर्ज माफी के लिए सरकार द्वारा 2000 हजार करोड़ बजट उपबंध करने का किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसानों की ऋण माफी योजना में हो रही देरी के मद्देनजर अब कृषि विभाग ने 2 हजार करोड़ में से 1 हजार करोड़ की राशि सरेंडर करने की योजना बनायी है. झारखंड में ऋण माफी का यह हाल तब है, जब कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव दोनों कांग्रेस कोटे के मंत्री हैं और कांग्रेस किसानों के हित को लेकर देशभर में मुखर है.
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