NewDelhi : केंद्र सरकार तबलीगी जमात में शामिल होने वाले उन विदेशियों को उनके देश वापस भेजने में सहायता करे, जिन्हें कोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने यह फैसला दिया. बता दें कि 15 दिसंबर को दिल्ली के चीफ मेट्रोपॉलिटिन मैजिस्ट्रेट एके गर्ग की अदालत ने 36 विदेशी नागरिकों को आरोपमुक्त कर दिया था कहा था कि उनके खिलाफ कोरोना महामारी फैलाने से संबधित आरोपों को लेकर सबूत नहीं है.
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इस मामले में आवेदकों के आवेदनों पर जल्दी विचार किया जाना चाहिए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उक्त टिप्पणी संबंधित विभाग के रास्ते में नहीं आयेगी, अगर वह आरोपमुक्त किये जाने वाले आदेश के खिलाफ जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आवेदकों के रिप्रजेंटेशन पर जल्दी विचार किया जाना चाहिए. जान लें कि 36 विदेशी तबलीगी जमात के सदस्य कोविड 19 की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के आरोप से निचली अदालत द्वारा आरोपमुक्त कर दिये गये थे.
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वकील मेरे ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं : सॉलिसिटर जनरल
जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह उन विदेशी तबलीगी जमातियों के आवेदन रेकॉर्ड पर लेने के बाद उन्हें अपने देश भेजने के बारे में सहायता करे. 36 तबीलीगी ने आरोपमुक्त होने के बाद विदेश अपने घर जाने के लिए आवेदन दिया था. सुप्रीम कोर्ट को याचिकाकर्ताओं की वकील मेनका गुरुस्वामी ने जानकारी दी कि 36 विदेशी तबलीगियों को आरोपमुक्त किया गया है.
सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन्हें अपने देश जाने के लिए सहूलियत दी जाये. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का जवाब था कि जिन विदेशी नागरिकों को आरोपमुक्त किया गया है, उन्हें अगर विदेश जाने में परेशानी है तो उनके वकील उनके ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं.