Gudbanda : मुसाबनी वन क्षेत्र अंतर्गत गुड़ाबांदा प्रखंड क्षेत्र में पातन और परिवहन के आदेश के बगैर ही माफिया फलदार वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से करवा रहे हैं. काटे गए वृक्षों के बोटों पश्चिम बंगाल के परमिट पर ट्रकों से जमशेदपुर भेजा जा रहा है. क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के काटे गये वृक्षों के ठूंठ अवैध कटाई के गवाह हैं. इस अवैध कटाई के कारण क्षेत्र में फलदार वृक्षों का तेजी से सफाया हो रहा है और वन विभाग तथा अंचल महकमा तमाशबीन बना है. इसके कारण लकड़ी माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं. जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में रैयत जमीन से महुआ, नीम, चरला, जामुन जैसी प्रजाति के वृक्षों की अवैध कटाई हो रही है. इसके अलावा आकाशिया और गम्हार के वृक्षों की भी अवैध कटाई हो रही है.
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ऐसे तमाम वृक्ष प्रतिबंधित है
ज्ञात हो कि ऐसे तमाम वृक्ष प्रतिबंधित हैं. ऐसे वृक्षों के पातन के लिए अंचल कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण प्राप्त कर वन विभाग से पातन और परिवहन के लिए आदेश लेना पड़ता है. लकड़ियों के परिवहन के लिए वन विभाग परिवहन अनुज्ञा पत्र जारी करता है. परंतु इस क्षेत्र में पातन और परिवहन के आदेश के बिना ही ऐसे वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से माफिया करवा रहे हैं. काटे गए वृक्ष की लकड़ियों और बोटे को ट्रैक्टरों द्वारा किसी स्थान पर डंप करवाया जाता है. कई जगहों पर अवैध लकड़ियों का भंडारण किया गया है. फिर यहां से ट्रकों पर लादकर जमशेदपुर और पश्चिम बंगाल भेजा जाता है. इसके लिए माफिया पश्चिम बंगाल से परिवहन अनुज्ञा पत्र (परमिट) का व्यवहार करते हैं. जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में काटे गए वृक्षों की लकड़ियों को ट्रैक्टरों द्वारा गुहियापाल में स्वर्णरेखा नदी पर बने पुल के रास्ते बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र में भी लाया जाता है. फिर यहां से ट्रकों द्वारा बंगाल के परमिट पर जमशेदपुर भेजा जाता है.
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