New Delhi : देश में गुरुवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में देश में इस वैरिएंट के दो मामले सामने आये हैं. इनमें एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है और दूसरा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी. बताया गया कि दोनों ने वैक्सीन का दोनों डोज लिया था फिर भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो गये.
चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है
इस बीच मंत्रालय ने लोगों से भय का माहौल न बनाने और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है. केंद्र सरकार ने दावा किया कि दोनों मरीजों को चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है, जबकि इस दावे के कुछ देर बाद बेंगलुरु महानगर पालिका ने बयान जारी किया कि 20 नवंबर को आया 66 वर्षीय मरीज 27 नवंबर को ही देश से जा चुका है. इनके सपर्क में कुल 266 लोग आए थे, जबकि इनमें से किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई. इसके अलावा दूसरा सख्श एक 46 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी है, जिसका कोई यात्रा इतिहास नहीं है. इनके संपर्क में आये पांच लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है. सभी हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं और सभी निगरानी में हैं.
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देश में ओमिक्रॉन की स्थिति और सतर्कता
कर्नाटक पहुंचे 66 और 46 साल के दो व्यक्तियों में दो दिसंबर को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित 11 हवाई अड्डों पर बुधवार यानी दो दिसंबर को कुल 1,502 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया गया. राहत की बात यी रही कि इनमें से कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया. देश के 30 से अधिक हवाई अड्डों को इंडियन सार्स-कोव2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (इन्साकॉग) की लैब से जोड़ दिया गया है. हवाई अड्डों पर ही जांच के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान दिया जा रहा है. जिन देशों में आवश्यक समूह का टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है, वहां यह स्वरूप तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन भारत में अब तक 125 करोड़ से अधिक लोगों को टीके लग चुके हैं.
अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर देश के एयरपोर्ट तथा बंदरगाह अधिकारियों के साथ बैठक की ताकि देश में प्रवेश के रास्तों पर वायरस की निगरानी की जा सके. स्वास्थ्य विभाग और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के अधिकारी इस बात से अनजान हैं कि मरीज नंबर दो कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से कैसे संक्रमित हुआ. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने पुष्टि की है कि दक्षिण अफ्रीका से यात्रा करने वाले मरीज नंबर एक के विपरीत, मरीज नंबर दो एक स्थानीय निवासी है. उसका अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.
नमूना जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया
बीबीएमपी द्वारा दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, कर्नाटक में 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी के रूप में ओमिक्रॉन का पहला मामला दर्ज किया गया था, जो 20 नवंबर को बेंगलुरु पहुंचे थे. उसी दिन वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया. बीबीएमपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके सीधे संपर्क में आए 24 और माध्यमिक संपर्कों में आए 240 लोगों में से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया. बीबीएमपी कमिश्नर गौरव गुप्ता ने बताया कि मरीज नंबर दो का दक्षिण अफ्रीकी नागरिक से कोई संपर्क नहीं था. मरीज नंबर दो की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह बेंगलुरु के रहने वाले हैं. वह 44 साल के हैं. हेल्थ केयर वर्कर के तौर पर काम करते हैं. स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने आगे पुष्टि की कि वह शहर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर हैं. उन्हें 21 नवंबर को बुखार और शरीर में दर्द हुआ और अगले दिन उनका टेस्ट पॉजिटिव आया. चूंकि उनका सीटी मान कम था ( जो एक उच्च वायरल लोड को इंगित करता है), उनका नमूना जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया.
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