Neeraj Neer
अगस्त माह बीतने वाला है, शीघ्र ही हम सितंबर में प्रवेश कर जायेंगे. सितंबर माह भाषा के नाम पर दुकान सजाने वालों के लिए उत्सव का महीना होता है. कुछ दुकानें सरकारी होती हैं, कुछ दुकानें अर्द्ध सरकारी तो कुछ विभिन्न संस्थानों में सजायी जाती हैं. कुछ दुकानें पहले पखवाड़े में सजायी जायेंगी तो कुछ दूसरे पखवाड़े में. कुछ जुगाड़ू कवि नामधारी जीव हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे. राजभाषा के नाम पर सरकारी खजाने से राशि की बंदरबांट होगी. इसी बहाने राजभाषा विभाग अपनी उपस्थिति और सार्थकता सिद्ध करने का असफल प्रयास करेगा. जबकि विडंबना यह है कि राजभाषा विभाग को न भाषा की समझ है न भाषा से जुड़े साहित्य की. ऐसे ही संदर्भ में संजय चतुर्वेदी की एक कविता इस विषय पर बड़ी मौजूं लगी.
कला भवन आबाद हुए निष्काषित लोग निकाली भाषा
और वजीफाखोर क्रांति के मक्कारों की जाली भाषा
कृतघ्नता के उत्सवधर्मी, असली ग्लोबल कला-कुकर्मी
बुद्धिबाबुओं के विधान में अर्धसत्य की काली भाषा
ऐसे चालू घटाटोप में स्मृति के व्यापक विलोप में
अंधकार की कलम तोड़कर बीच सड़क पे झगड़ी भाषा.
लेकिन इन सबसे इतर कुछ साहित्यसेवी, भाषाप्रेमी कुछ शौकिया, कुछ अन्तःप्रेरणा से अभिप्रेरित निष्काम अपनी ही लगन में रचना शील होते हैं और उनकी इस रचनाशीलता को हम विभिन्न गोष्ठियों, पुस्तक लोकार्पण समारोहों, सम्मेलनों के समय देख पाते हैं. अगस्त माह में भी इस तरह की कई साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन झारखंड में किया गया.
इस बार की शुरुआत रामगढ़ से. रामगढ़ में ‘रामगढ़ साहित्य मंच’ के तत्वावधान में कवयित्री डॉ. रजनी गुप्ता के दूसरे काव्यसंग्रह ‘दस्तक’ का लोकार्पण सम्पन्न हुआ. समारोह में उपस्थित वक्ताओं ने संग्रह की कविताओं की चर्चा की एवं उनका पाठ भी किया.
कथाकार पंकज मित्र के नवीन कथासंकलन “आधा खखड़ी, आधा धान” पर प्रकाशक पुस्तकनामा के द्वारा 8 अगस्त को ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में में कथाप्रेमी, आलोचक एवं कथाकार सम्मिलित हुए.
अगस्त माह में तुलसी जयंती थी, इसलिए इस अवसर को केंद्रित करके कई कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न संस्थाओं के द्वारा किया गया. सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/ तुलसी भवन संस्थान द्वारा डेढ माह तक चलने वाले तुलसी जयंती समारोह के अन्तर्गत कक्षा ८ से १२ वीं तक के छात्र – छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसका विषय था ‘राम केवट संवाद’. प्रतियोगिता में नगर के २३ विद्यालयों से कुल २९७ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए तुलसी भवन के अलावा बागबेडा स्थित ‘सरस्वती शिशु मंदिर’ में भी आयोजित किया गया.
तुलसी जयंती ‘ मासिक आयोजन के अन्तर्गत ही तुलसी भवन के द्वारा संस्थान के मुख्य सभागार में ‘साहित्यकार सम्मान’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिनमें साहित्य समिति के सदस्यों सहित नगर के कुल 91 साहित्यकारों को साहित्य के प्रति सेवा समर्पण एवं संस्थान के कार्यक्रमों में उपस्थिति के लिए “मैथिलीशरण गुप्त साहित्यकार सम्मान” प्रदान किया गया.
जमशेदपुर में नगर की वरिष्ठ महिला साहित्यकारों की संस्था फुरसत ने ऑनलाइन तुलसी जयंती मनाई. कार्यक्रम का संयोजन और संचालन कवयित्री कथाकार पद्मा मिश्र ने किया. इस अवसर पर शहर के और शहर के बाहर के अनेक रचनाकार उपस्थित रहे.
बोकारों में चंदवाडीह, दुगदा स्थिति विरियो पब्लिक स्कूल में जनवादी लेखक संघ, बोकारो ने प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में कविता, कहानी के पाठ के साथ वैचारिक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया.
गिरीडीह में डी ए वी पब्लिक स्कूल गिरीडीह में विनय कुमार मिश्र की पुस्तक जुबान ए गजल का विमोचन 8 अगस्त को किया गया. इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथियों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में बच्चों की भी उपस्थिति रही.
रांची में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय और एन एस डी सिक्किम की ओर से आयोजित पलाश नाट्य महोत्सव का आयोजन राज्य संग्रहालय, रांची के प्रेक्षागृह में दिनांक 22 से 28 अगस्त 2023 तक आयोजित किया जा रहा है. इसमें कई महत्वपूर्ण रचनाकारों के नाटकों की प्रस्तुति हो रही है.पाकुड़ में प्रो मनमोहन मिश्र स्मृति न्यास पाकुड़ के तत्वावधान में योग भवन, पाकुड़ में आयोजित प्रो0 मनमोहन मिश्र स्मृति संगोष्ठी सह पुस्तक विमोचन समारोह में मनमोहन मिश्र के कृतित्व पर संगोष्ठी आयोजित की गई. इस अवसर पर मनमोहन मिश्र पर संकलित पुस्तकों का विमोचन किया गया. इस दौरान न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, दिल्ली से प्रकाशित अमरेन्द्र सुमन की पुस्तक “अंतिम ख़त पिता का” का भी विमोचन किया गया.